संगठन के प्रयासों से बढ़ा मानदेय शिक्षकों का मानदेय–प्रदेश अध्यक्ष
संगठन के प्रयासों से बढ़ा मानदेय शिक्षकों का मानदेय–प्रदेश अध्यक्ष
रिपोर्ट-जुगल किशोर द्विवेदी
मानदेय शिक्षकों का बढ़ा मानदेय, संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति ने व्यक्त किया आभार-
चरखारी महोबा। प्रदेश के मुख्मन्त्री शिक्षा मन्त्री और निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा संस्कृत विद्यालयों के मानदेय अध्यापकों का मानेदय बढ़ाए जाने पर संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुखनन्दन मिश्र ने शासन एवं प्रशासन का आभार व्यक्त किया है तथा प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में किए जा रहे विकास को सराहते हुए इसे संस्कृत भाषा विकास और बढ़ावा देने वाला कदम बताया है।
बताते चलें कि संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2021 में मानदेय शिक्षकों की तैनाती गई थी जिसमें पूर्व मध्यमा स्तर पर 12 हजार रूपया तथा उत्तर मध्मा स्तर के मानदेय शिक्षकों को 15 हजार रूपया मानदेय के साथ दो वर्ष के लिए 534 अध्यापकों की तैनाती की गयी और प्रदेश संगठन की मांग पर दो वर्ष का कार्यकाल बढ़ाया गया साथ ही वर्ष 2023 में 522 मानदेय शिक्षकों की भर्ती सरकार द्वारा की गयी थी लेकिन मानदेय शिक्षकों का मानेदय कम होने पर प्रदेश अध्यक्ष डा. सुखनन्दन शास्त्री के नेतृत्व में संगठन ने मानदेय बढ़ाए जाने के लिए प्रदेश मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय शिक्षा मन्त्री उप मुख्यमन्त्री तथा प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों से माँग की जाती रही। साथ ही शिक्षा निदेशक माध्यमिक महेन्द्र देव से भेंट करते हुए मानदेय वृद्धि की मांग रखी थी। प्रदेश अध्यक्ष एवं संगठन के प्रयास से 24 अप्रैल को मुख्मन्त्री की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में पूर्व मध्यमा का मानदेय 12 हजार रूपया के स्थान पर 20 हजार रूपया तथा उत्तर मध्यमा स्तर पर 15 हजार के स्थान पर 25 हजार रूपया किए जाने पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ़. सुखनन्दन मिश्र, गवीश पाण्डेय गोरखपुर सुशील मिश्रा अयोध्या शिखा तिवारी प्रतापगढ़ नीलम मिश्रा’ क्षमा पाण्डेय कानपुर अनन्त कुमार मिश्रा प्रयागराज दिवाकर मिश्रा चित्रकूट वरूण मिश्रा दीपेश द्विवेदी भूपेन्द्र रावत जालौन राजदेव मिश्रा गोण्डा राजू मिश्रा हमीरपुर भूपेन्द्र तिवारी वीरेन्द्र जीतेन्द्र प्रशान्त आदि ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ शिक्षा मंत्री शिक्षा निदेशक का आभार व्यक्त किया। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मिश्र ने कहा वर्ष 2021 तक अधिकांश विद्यालय अध्यापक विहीन होने के कारण बन्द होने की कगार पर थे तब प्रदेश सरकार ने संस्कृत विद्यालयों को पुनः खड़ा करने का जो प्रयास किया है उससे आज संस्कृत विद्यालय फल फूल रहे हैं साथ ही अलंकार योजना के तहत संस्कृत विद्यालयों को आकर्षक भवन भी मिल गए हैं।