ओवरलोड प्राइवेट बसों की समस्या और संभावित हादसों का खतरा* – राठ-झांसी मार्ग

ओवरलोड प्राइवेट बसों की समस्या और संभावित हादसों का खतरा* – राठ-झांसी मार्ग

जुगल किशोर द्विवेदी

*यात्रियों की जान को खतरे में डाल रहा है, बल्कि सरकारी खजाने और रोडवेज को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है*

*राठ-झांसी मार्ग पर चलने वाली ओवरलोड प्राइवेट बसों की, जो हर दिन दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण दे रही हैं*

जनपद महोबा के अंतर्गत पनवाड़ी थाना क्षेत्र में राठ-झांसी मार्ग पर प्राइवेट बसों का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। ये बसें न केवल ओवरलोड यात्रियों से भरी होती हैं, बल्कि इनके ऊपरी हिस्से पर बिना जीएसटी के अवैध माल भी लादा जाता है। 60-70 सीटों वाली इन बसों में 100 से अधिक यात्री ठूंस-ठूंसकर भरे जाते हैं, जिससे हर पल एक बड़े हादसे का खतरा मंडराता रहता है।
दुर्घटनाओं का खुलानिमंत्रण ये प्राइवेट बसें न केवल ओवरलोड होती हैं, बल्कि इनके दरवाजे भी हमेशा खुले रखे जाते हैं। तेज रफ्तार में चलने वाली इन बसों में यात्रियों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता। हाल ही में झांसी-कानपुर राजमार्ग पर एक ऐसी ही ओवरलोड प्राइवेट बस रोड रोलर से टकरा गई, जिसमें 10 यात्री घायल हो गए। पनवाड़ी, पाठकपुरा, और महोबकंठ जैसे क्षेत्रों में ये बसें बिना स्टॉप के 15-20 मिनट तक खड़ी रहती हैं, जिससे यातायात बाधित होता है और हादसों की आशंका बढ़ती है।
अवैधमालऔर रोडवेज को नुकसान इन बसों के जरिए बिना जीएसटी के बेसन और अन्य सामान की तस्करी हो रही है, जिससे सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। हरदोई में भी इसी तरह का अवैध बस संचालन सामने आया था, जहां बिना परमिट बसें माल ढो रही थीं। इससे उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि यात्रियों का रुझान इन सस्ती और असुरक्षित बसों की ओर हो रहा है।
प्रशासनकीअनदेखी सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्थानीय पुलिस और परिवहन विभाग इस अवैध गतिविधि की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे। पनवाड़ी थाना क्षेत्र में ये बसें खुलेआम नियम तोड़ रही हैं, और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। 2024 में कानपुर देहात में एक ओवरलोड बस के पलटने से 7 यात्री घायल हो गए थे, और जांच में आरटीओ की लापरवाही सामने आई थी। फिर भी, ऐसी घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया जा रहा।
ओवरलोड बसों के कारण होने वाले हादसों से न केवल यात्रियों की जान को खतरा है, बल्कि कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं:
सड़क दुर्घटनाएं: खुला दरवाजा और ओवरलोडिंग के कारण बसें अनियंत्रित होकर पलट सकती हैं, जैसा कि शिवपुरी में एक डबल डेकर बस के साथ हुआ।
यातायात अवरोध: अनधिकृत स्टॉपेज पर बसों का लंबे समय तक खड़ा रहना ट्रैफिक जाम का कारण बनता है।
स्वास्थ्य जोखिम: ओवरलोड बसों में यात्रियों को उचित हवा और जगह नहीं मिलती, जिससे गर्मी और दम घुटने की समस्या हो सकती है।
आर्थिक नुकसान: रोडवेज की आय में कमी से कर्मचारियों की नौकरियां और सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही हैं
समाधानऔरअपील इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। हमारी मांग है कि:
सख्त कार्रवाई: परिवहन विभाग और पनवाड़ी पुलिस ओवरलोड बसों और अवैध माल ढोने वालों के खिलाफ तत्काल छापेमारी करे।
बसों की फिटनेस, परमिट, और लोडिंग की नियमित जांच की जाए। ओवरलोड बसों पर भारी जुर्माना और जब्ती की कार्रवाई हो।
सुरक्षा उपाय: बसों के दरवाजों को बंद रखने और यात्रियों की संख्या सीमित करने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।
जागरूकता अभियान: यात्रियों को ओवरलोड बसों में यात्रा न करने के लिए जागरूक किया जाए। स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया अभियान चलाया जाए
रोडवेज को मजबूत करें: रोडवेज बसों की संख्या और सुविधाएं बढ़ाकर प्राइवेट बसों पर निर्भरता कम की
प्रशासन सेअपील हम शासन और प्रशासन से अपील करते हैं कि इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया जाए। पनवाड़ी, पाठकपुरा, और महोबकंठ में अवैध बस संचालन को रोका जाए। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो राठ-झांसी मार्ग पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की हो।

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