जैविक-खेती कीजिये, कृत्रिम-खेती छोड़।

दोहा
छंदाधारित मुक्तक
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1-
जैविक-खेती कीजिये,
कृत्रिम-खेती छोड़।
गरल-घूँट मत पीजिये,
अमि-रस गगरी फोड़।।
रोग-मुक्त काया बने,
अमि-रस सा हो अन्न।
जैविक-खेती सृष्टि में,
सब-रोगों का तोड़।।
2-
जैविक-खेती राष्ट्र में,
करते नेक-किसान।
कृत्रिम-खेती देश में,
करते मूर्ख-महान।।
विष-पीते हैं जान-कर
किन्तु-राष्ट्र किसान।
हलधर-के इस कृत्य से,
संकट-में हैं जान।।
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प्रभुपग धूल

 

 

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