शेयर बाजार में भारी गिरावट: युवा निवेशकों को बड़ा झटका

शेयर बाजार में भारी गिरावट: युवा निवेशकों को बड़ा झटका

नई दिल्ली | हाल ही में शेयर बाजार में आई भारी गिरावट ने लाखों युवा निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है। पिछले छह महीनों से जारी गिरावट के कारण निवेशकों की अरबों रुपये की पूंजी डूब गई है। इस गिरावट के पीछे कई भ्रामक ऐप और स्टॉक मार्केट के बड़े खिलाड़ियों का खेल बताया जा रहा है, जो ख़रीद-फ़रोख़्त के हर लेनदेन से मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि आम निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सरकार और रेगुलेटरी संस्थाओं पर उठे सवाल

बाजार की इस स्थिति के लिए सरकार और नियामक संस्थाओं की निष्क्रियता को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर ये संस्थाएं निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकतीं, तो उन पर करोड़ों रुपये खर्च करने का कोई औचित्य नहीं है।

अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा व्यापक असर

शेयर बाजार की यह गिरावट केवल निवेशकों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका असर पूरे आर्थिक तंत्र पर पड़ सकता है। युवा निवेशकों की जमा पूंजी डूबने से वे ईएमआई और लोन चुकाने में असमर्थ हो सकते हैं, जिससे बैंक और वित्तीय संस्थानों को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।

युवाओं के लिए चेतावनी

इस भारी नुकसान को देखते हुए युवा निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को बहुत सोच-समझकर निवेश करें और किसी भी लुभावने वादों या भ्रामक निवेश योजनाओं से बचें।

विपक्ष का हमला, सरकार से जवाब मांग

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती और निवेशकों को उनकी एक-एक पाई का हिसाब देना होगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह तुरंत हस्तक्षेप कर बाजार को स्थिर करने के उपाय करे और जनता के धन का शोषण करने वालों को कड़ी सजा दे।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और युवा निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए क्या रणनीति अपनाई जाती है।

 

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