महाकुंभ 2025 से पहले अपराध पर सख्ती, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता उजागर
महाकुंभ 2025 से पहले अपराध पर सख्ती, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता उजागर
प्रवीण कुमार (ब्यूरो प्रमुख महोबा)
महोबा: आगामी महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत महोबा जिले के पनवाड़ी थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को अवैध शस्त्र और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी मंगल सिंह, उम्र 30 वर्ष, के पास से 12 बोर का तमंचा और एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। हालांकि, इस कार्रवाई ने पुलिस की सतर्कता को दर्शाने के बजाय कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अवैध शस्त्र उद्योग की अनदेखी
पनवाड़ी क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में अवैध हथियारों के निर्माण और बिक्री का गढ़ बनने की लगातार खबरें आ रही हैं। लेकिन पुलिस केवल छोटे अपराधियों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाने में लगी हुई है। बड़े स्तर पर चल रहे इन अवैध शस्त्र कारखानों पर कार्रवाई न करने से पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आती है।
कारतूसों की काला बाजारी पर पुलिस मौन
अपराधियों को आसानी से मिलने वाले कारतूसों और हथियारों की वजह से अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। फिर भी पुलिस इन हथियारों और कारतूसों के स्रोत तक पहुंचने से लगातार बच रही है। यह लापरवाही न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि अपराधियों को अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहन भी देती है।
छोटे अपराधियों को पकड़ने का दिखावा
मंगल सिंह जैसे छोटे अपराधियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि पुलिस केवल मामूली कार्रवाई कर रही है। जबकि असली अपराधी, जो इन अवैध शस्त्रों के निर्माण और आपूर्ति में लिप्त हैं, खुलेआम घूम रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिस की यह कार्रवाई केवल आंकड़े बढ़ाने के लिए की गई है।
जनता की सुरक्षा पर सवाल
अवैध शस्त्रों और कारतूसों के कारण क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं ने आम जनता के मन में भय पैदा कर दिया है। पुलिस की निष्क्रियता ने अपराधियों का हौसला बढ़ा दिया है, जिससे जनता की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।
पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब पुलिस ने ऐसी दिखावटी कार्रवाई की है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों से पहले, सुरक्षा के नाम पर हर साल ऐसे अभियानों का दिखावा किया जाता है, लेकिन असली समस्या जस की तस बनी रहती है।
निष्कर्ष
पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि वह केवल दिखावा करने में लगी हुई है। क्षेत्र में अवैध शस्त्र निर्माण और आपूर्ति जैसे गंभीर मुद्दों पर प्रभावी कार्रवाई न करके, पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा है। जरूरत है कि महाकुंभ 2025 से पहले इन समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।