कानपुर: सौतेली बहन के नाम पर कूटरचित दस्तावेज से खेल, संगीन आरोपों में फंसी अलीशा अंसारी

कानपुर: सौतेली बहन के नाम पर कूटरचित दस्तावेज से खेल, संगीन आरोपों में फंसी अलीशा अंसारी

कानपुर नगर के बिल्हौर तहसील में वर्ष 2017 में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां अलीशा अंसारी ने अपनी सौतेली बहन फिरदौस परवीन के नाम पर कूटरचित प्रमाणपत्र तैयार कर उसे कानूनी रूप से अलीशा अंसारी के नाम पर बदलवा लिया। इस प्रक्रिया में नकली दस्तावेज़ों का उपयोग कर फिरदौस परवीन का पता कानपुर नगर का दर्ज कराया गया।

गंभीर अपराधों में संलिप्तता

फिरदौस परवीन उर्फ अलीशा अंसारी पर चोरी, लूट, अनैतिक व्यापार, और हत्या प्रयास (धारा 307) जैसे गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं। बावजूद इसके, उन्होंने अपने आपराधिक रिकॉर्ड को बार काउंसिल प्रयागराज से छुपाने का प्रयास किया।

बार काउंसिल से धोखाधड़ी का आरोप

वर्ष 2020 में अलीशा अंसारी ने बार काउंसिल प्रयागराज में कानूनी प्रैक्टिस के लिए आवेदन किया। इस दौरान उन्होंने एसबीआई शुक्लागंज अकाउंट के जरिए 15,165 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा किया। लेकिन, यह मामला संदिग्ध इसलिए हो गया क्योंकि अलीशा ने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का कहीं भी उल्लेख नहीं किया।

जांच की मांग और कानूनी कार्रवाई की संभावना

अलीशा अंसारी द्वारा कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग कर बार काउंसिल को गुमराह करने का यह मामला अब तूल पकड़ रहा है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो यह न केवल दस्तावेज़ों की धोखाधड़ी का मामला होगा बल्कि बार काउंसिल के नियमों का गंभीर उल्लंघन भी होगा।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

प्रयागराज बार काउंसिल ने इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मामले की जांच शुरू हो चुकी है। कानपुर पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियां भी इस प्रकरण की सत्यता और दस्तावेजों की वैधता की जांच कर रही हैं।

सार्वजनिक आक्रोश

इस प्रकरण ने कानपुर और प्रयागराज के कानूनी समुदाय में खलबली मचा दी है। लोगों का मानना है कि इस तरह की धोखाधड़ी न केवल न्याय प्रणाली को कमजोर करती है, बल्कि यह ईमानदार वकीलों की छवि को भी नुकसान पहुंचाती है।

निष्कर्ष:
अलीशा अंसारी के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं। यदि जांच में उनके अपराधों की पुष्टि होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह प्रकरण प्रशासन और न्याय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है कि वे इस तरह की धोखाधड़ी को कैसे रोकते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!