भरवारा गांव में श्रीमद् भागवत कथा में भक्त प्रह्लाद प्रसंग का हुआ वर्णन

भरवारा गांव में श्रीमद् भागवत कथा में भक्त प्रह्लाद प्रसंग का हुआ वर्णन

रिपोर्ट-जुगल किशोर द्विवेदी

पनवाड़ी विकास खंड क्षेत्र के भरवारा गांव स्थित रिछा तिगैला, संतोष राजपूत के आवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया गया। कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंडित अरुण सागर महाराज ने बताया कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र श्रवण कर लिया था, जिसके प्रभाव से उनके जीवन के कई कष्ट स्वतः ही समाप्त हो गए थे।

कथा का शुभारंभ गुरु वंदना से किया गया, जिसके बाद महाराज श्री ने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को यदि बचपन से ही धर्म और आध्यात्म का ज्ञान दिया जाए, तो वे जीवन भर उसी मार्ग का अनुसरण करते हैं। माता-पिता की सेवा और समाज में प्रेमपूर्वक रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को मात्र पांच वर्ष की आयु में भगवान का साक्षात्कार हुआ और उन्हें 36,000 वर्षों तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ।

कथा के दौरान संकीर्तन मंडली ने भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति दी, जिन पर उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। संकीर्तन मंडली ने प्रभु महिमा का गुणगान कर वातावरण को भक्तिरस से सराबोर कर दिया।

इस अवसर पर मुख्य यजमान श्रीमती क्रांति (पत्नी संतोष राजपूत), प्रवेश आनंद, डॉ. कृष्णा राजपूत, प्रिंस, अरविंद्र, पवन, सुमन, संदीप, अर्जुन, मनोज सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और कथा का रसपान किया।

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