“चरखारी में पर्यटन की नई क्रांति: 100 करोड़ रुपये के निवेश से बिखरेगी विकास की नई रोशनी”

चरखारी महोबा: पूर्व सांसद और एमएलसी के प्रयासों से पर्यटन विकास को मिली नई दिशा, नौ निवेशकों ने किया करार

प्रवीण कुमार (ब्यूरो प्रमुख)

चरखारी, महोबा: बुंदेलखंड क्षेत्र का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर शहर, चरखारी, अब पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभरने जा रहा है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, प्राचीन किलों, तालाबों और मंदिरों की संख्या ने इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाने की पूरी संभावना दी है। महोबा जिले में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नौ निवेशकों ने करार किया है, और ये निवेशक कुल मिलाकर करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहे हैं।

चरखारी का ऐतिहासिक महत्व:

चरखारी, जो कभी चंदेल शासकों की राजधानी रही थी, एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। यहां का विशाल दुर्ग, प्रकृति से घिरी झीलें, तालाब और मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि आज़ादी के बाद से यह क्षेत्र पूरी तरह से उपेक्षित रहा है और इसके पर्यटन की संभावनाओं का सही उपयोग नहीं किया जा सका।

मंगलगढ़ किले का महत्व:

चरखारी के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है मंगलगढ़ किला। इस किले का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, और इसे खोलने की आवश्यकता है ताकि यह पर्यटन की दृष्टि से एक आकर्षक स्थल बन सके। अगर इसे झांसी किले की तर्ज पर विकसित किया जाए, तो यह न केवल चरखारी, बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकता है।

पूर्व सांसद और एमएलसी के प्रयास:

इस दिशा में पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत और एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर के प्रयासों से पर्यटन क्षेत्र में एक नई हलचल आई है। इन नेताओं ने मिलकर चरखारी के पर्यटन विकास के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों का ध्यान इस क्षेत्र की ओर आकर्षित हुआ है। इन निवेशकों का 100 करोड़ रुपये का निवेश क्षेत्र की पर्यटन संभावना को वास्तविकता में बदलने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

आगे का रास्ता:

चरखारी को पर्यटन के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। किलों और मंदिरों के संरक्षण के साथ-साथ वहां के पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, परिवहन और सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि पर्यटकों को यहां आने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत और एमएलसी जितेंद्र सिंह सेंगर के नेतृत्व में हो रहे इन प्रयासों से उम्मीद जताई जा रही है कि चरखारी न केवल महोबा जिले, बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन और विकास के नए अवसरों का निर्माण करेगा।

निवेशकों के समर्थन से विकास की नई राह:

इन नौ निवेशकों ने पर्यटन और संबंधित क्षेत्रों में निवेश करने के लिए करार किया है, और इससे पर्यटन के अलावा स्थानीय व्यवसायों को भी फायदा होगा। नए होटल, रिसॉर्ट, रेस्तरां, और पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

निष्कर्ष:

चरखारी का पर्यटन विकास न केवल इस ऐतिहासिक नगर को पुनः जीवित करेगा, बल्कि पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र की पहचान को एक नया आयाम भी देगा। पूर्व सांसद और एमएलसी के प्रयासों से यह सपना अब जल्द ही साकार होने की उम्मीद है, जिससे न केवल स्थानीय निवासियों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन भी नए शिखर पर पहुंचेगा।

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