फिर एक व्यक्ति अबैध शस्त्र के साथ गिरफ्तार-क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखाने संचालित -अपराधियों को सुगमता से मिल रहे अबैध तमंचे
फिर एक व्यक्ति अबैध शस्त्र के साथ गिरफ्तार-क्षेत्र में अबैध शस्त्र कारखाने संचालित होने से सुगमता से मिल रहे अबैध तमंचे-पुलिस अबैध शस्त्रों की जड़ तक पहुँचने से कर रही परहेज
महोबा। थाना खरेला पुलिस ने वांछित अभियुक्त गुलाब पुत्र रामसेवक निवासी ग्राम दमदमा को गिरफ्तार कर उसके पास से 315 बोर की अवैध देशी अद्धी राइफल, एक खोखा कारतूस और एक जिंदा कारतूस बरामद किया है। अभियुक्त पर थाना खरेला में पंजीकृत मुकदमा संख्या 05/25 के तहत कार्रवाई की गई और उसके खिलाफ आयुध अधिनियम की धारा 3/25 बढ़ाते हुए जेल भेज दिया गया।
हालांकि, यह कार्रवाई अपराधियों पर शिकंजा कसने का पुलिस का दावा भर प्रतीत होती है। वर्षों से अवैध शस्त्रों का कारोबार चरखारी क्षेत्र समेत पूरे महोबा जिले में फल-फूल रहा है, लेकिन पुलिस इन अवैध शस्त्र निर्माण केंद्रों और तस्करी की जड़ों तक पहुंचने से बचती नजर आ रही है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे गंभीर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब अवैध शस्त्रों के साथ किसी अपराधी को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन सवाल यह है कि इन शस्त्रों का निर्माण और आपूर्ति आखिर कहां से हो रही है? क्षेत्र में अवैध शस्त्रों के कारखाने खुले आम संचालित हो रहे हैं और कारतूसों की कालाबाजारी भी जोरों पर है। बावजूद इसके पुलिस कोई ठोस कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आती है।
बेरोजगारी ने बढ़ाई समस्या
बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण कई लोग अवैध शस्त्रों के निर्माण और तस्करी को अपना पेशा बना चुके हैं। पुलिस की निष्क्रियता ने इस समस्या को और बढ़ावा दिया है। अपराधी आसानी से अवैध हथियार हासिल कर लेते हैं, और इनका इस्तेमाल गंभीर अपराधों में करते हैं।
पुलिस की नाकामी और उदासीनता
लगातार खबरों और घटनाओं के प्रकाशन के बावजूद पुलिस अवैध शस्त्र निर्माण और तस्करी की जड़ों तक पहुंचने से परहेज कर रही है। यह न केवल क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि पुलिस प्रशासन की नाकामी को भी उजागर करता है।
जनता में बढ़ता आक्रोश
पुलिस की इस उदासीनता से क्षेत्र की जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। अपराधियों को पकड़ने और हथियार बरामद करने की घटनाएं केवल कागजों में दिखावा बनकर रह गई हैं। जनता अब पुलिस से अवैध शस्त्रों की जड़ों को खत्म करने और क्षेत्र को सुरक्षित बनाने की उम्मीद कर रही है।
निष्कर्ष:
अवैध शस्त्रों के खिलाफ केवल औपचारिक कार्रवाइयों से समस्या का समाधान संभव नहीं है। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह इस समस्या की जड़ तक पहुंचे और अवैध शस्त्र निर्माण एवं तस्करी पर सख्त कार्रवाई करे। अन्यथा, क्षेत्र में बढ़ते अपराधों को रोकना असंभव हो जाएगा।