अंशुल गुप्ता द्वारा अजय राजपूत पर तमंचा तानकर जान लेने की कोशिश -महोबा में अवैध शस्त्रों की भरमार
अंशुल गुप्ता द्वारा अजय राजपूत पर तमंचा तानकर जान लेने की कोशिश -महोबा में अवैध शस्त्रों की भरमार
महोबा (अजनर):
जनपद महोबा के ग्राम पुरवा पनवाड़ी में 19 जनवरी 2025 की शाम घटी घटना ने इलाके में पुलिस प्रशासन की गंभीर लापरवाही को उजागर कर दिया। ननौरा निवासी अंशुल गुप्ता द्वारा युवक अजय राजपूत पर तमंचा तानकर जान लेने की कोशिश ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी। गनीमत रही कि फायर मिस हो गया, वरना एक और निर्दोष की जान चली जाती।
स्थानीय निवासी अजय ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने अंशुल गुप्ता को अपराधी प्रवृत्ति का बताया और कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की। हालांकि, इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और क्षेत्र में अवैध शस्त्रों की बढ़ती समस्या पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अवैध शस्त्रों की भरमार, पुलिस की नाकामी
महोबा क्षेत्र में अवैध शस्त्रों का प्रसार अब किसी से छिपा नहीं है। छोटे-छोटे गांवों तक में अपराधियों को हथियार उपलब्ध हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अवैध शस्त्र निर्माण की फैक्ट्रियां सक्रिय हैं। इसके बावजूद, पुलिस इन पर कार्रवाई करने से कतराती नजर आती है।
पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप
घटना के बाद अजय के परिजनों और स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस समय पर अवैध शस्त्र निर्माण और तस्करी पर लगाम लगाती, तो आज ऐसी घटनाएं न होतीं।
“यह सिर्फ अजय की जान नहीं, बल्कि पूरे इलाके की सुरक्षा का सवाल है। पुलिस की निष्क्रियता से अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।” – एक स्थानीय व्यक्ति ने नाराजगी जताते हुए कहा।
भय के साए में जी रहे लोग
अवैध शस्त्रों की उपलब्धता ने पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना दिया है। लोग अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने से डरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को अवैध हथियारों की जड़ तक पहुंचने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
प्रशासन को चेतावनी
यदि पुलिस प्रशासन जल्द ही अवैध शस्त्रों और अपराधियों पर शिकंजा नहीं कसता, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
महोबा की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि यदि पुलिस अपनी आंखें मूंदे रखेगी, तो अपराधियों का मनोबल बढ़ता रहेगा और आम जनता दहशत के साए में जीने को मजबूर होगी।