केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
मध्य प्रदेश सरकार आपराधिक कानूनों के जल्द से जल्द शत-प्रतिशत क्रियान्वयन को सुनिश्चित करे
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में भगोड़ों के खिलाफ Trial In Absentia की शुरुआत हो
आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज करने से पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले का मूल्यांकन करें
गरीबों को न्याय दिलाने के लिए विधिक सहायता और इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था हो
अस्पतालों और जेलों में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज कराने में मदद के लिए पर्याप्त संख्या में क्यूबिकल उपलब्ध हों
फॉरेंसिक अधिकारियों की भर्ती के लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ MoU करे मध्य प्रदेश सरकार
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मध्य प्रदेश में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, BPR&D के महानिदेशक, NCRB के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की आत्मा, किसी भी मामले में FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रावधान में है। नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने शीघ्र नए क़ानूनों को राज्य में शत प्रतिशत लागू करने पर बल दिया।
श्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज करने से पहले पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि कितने ZERO FIR नियमित FIR में बदले गए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि CCTNS के जरिए दो राज्यों के बीच FIR ट्रांसफर किया जा सके। उन्होंने हर जिले में एक से अधिक फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। श्री शाह ने अस्पतालों और जेलों में पर्याप्त संख्या में क्यूबिकल बनाने पर भी जोर दिया ताकि वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज कराने में मदद मिल सके।