महोबा: लेखपाल संघ की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन, बड़ा आंदोलन करने की दी चेतावनी
महोबा: लेखपाल संघ की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन, बड़ा आंदोलन करने की दी चेतावनी
प्रवीण कुमार(ब्यूरो प्रमुख)
कुलपहाड़ तहसील दिवस पर लेखपाल संघ ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। “आवाज दो हम एक हैं,” “लेखपाल संघ जिंदाबाद,” और “एंटी करप्शन मुर्दाबाद” के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा। इस प्रदर्शन का मुख्य कारण गाजीपुर जिले में एक लेखपाल को एंटी करप्शन टीम द्वारा षड्यंत्रपूर्वक गिरफ्तार किए जाने की घटना है।
क्या है मामला?
गाजीपुर जिले में हाल ही में एक लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। लेखपाल संघ का आरोप है कि यह गिरफ्तारी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। संघ ने इसे अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा कि इस घटना ने सभी लेखपालों का मनोबल गिरा दिया है।
क्या हैं लेखपाल संघ की मांगें?
धरने पर बैठे लेखपाल संघ ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
1. गाजीपुर जिले के लेखपाल की गिरफ्तारी की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए।
2. एंटी करप्शन टीम द्वारा की गई कार्रवाई का ऑडिट कराया जाए।
3. लेखपालों के कार्यक्षेत्र में बार-बार हो रहे हस्तक्षेप पर रोक लगाई जाए।
4. लेखपालों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के पालन में पूर्ण स्वतंत्रता दी जाए।
5. लेखपालों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाएं।
धरने के दौरान कही गई बातें
धरने का नेतृत्व कर रहे लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष ने कहा, “हम अपने साथी के साथ हो रहे अन्याय को सहन नहीं करेंगे। अगर हमारी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन सिर्फ महोबा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश में लेखपाल आंदोलन छेड़ देंगे।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने लेखपाल संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच पारदर्शी तरीके से की जाएगी, और किसी निर्दोष को सजा नहीं दी जाएगी।
लेखपाल संघ की चेतावनी
लेखपाल संघ ने स्पष्ट कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। इससे तहसील और राजस्व विभाग का कामकाज ठप हो सकता है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।
आगे की रणनीति
संघ ने अगले सप्ताह तक अपनी मांगों को पूरा करने की समय सीमा दी है। इसके बाद यदि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
लेखपाल संघ का यह प्रदर्शन न केवल उनके अधिकारों के लिए लड़ाई है, बल्कि यह प्रशासन और भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं से पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग भी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे संभालता है और लेखपालों की मांगों पर क्या कदम उठाए जाते हैं।