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जनतंत्र इंटर कॉलेज में अमृतोत्सव शतरंज टूर्नामेंट : 136 खिलाड़ियों ने चलीं बौद्धिक चालें

प्रवीण कुमार पटेरिया

जनतंत्र इंटर कॉलेज में अमृतोत्सव शतरंज टूर्नामेंट : 136 खिलाड़ियों ने चलीं बौद्धिक चालें
अंडर-14 व अंडर-17 वर्ग के रोमांचक मुकाबले, आरबीपीएस के खिलाड़ियों का दबदबा

कुलपहाड़ | संवाददाता
जनतंत्र इंटर कॉलेज कुलपहाड़ में शुक्रवार को जारी अमृतोत्सव इंटर स्कूल शतरंज टूर्नामेंट में अंडर-14 और अंडर-17 वर्ग के कुल 136 खिलाड़ियों ने अपनी रणनीतिक समझ और धैर्य का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
जिला शतरंज संघ व जनतंत्र इंटर कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता के पहले दिन दोनों वर्गों में दो-दो राउंड खेले गए, जिनमें कई मुकाबले अंतिम चाल तक रोमांच से भरे रहे।

अंडर-14 वर्ग में आरबीपीएस के ऋषभ, हिमेश, मोहन सिंह, वेदांत सोनी, श्रेयश गुप्ता, शिवम, कृतिका, युवान और सक्षम गुप्ता ने बेहतरीन जीत दर्ज की। वहीं एमआईपीएस के आरव, सेंट जोसेफ के हर्ष, प्रतीक, शिवा, नावेद गिरिका तथा जनतंत्र कॉलेज के भुवनेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अगले दौर में प्रवेश किया। दूसरे राउंड में श्रेयश, सक्षम, युवान, शुभम, मोहन, वेदांत, नावेद और शिवा ने पुनः उत्कृष्ट खेल दिखाया।

अंडर-17 वर्ग में आरबीपीएस कुलपहाड़ के खिलाड़ियों का दबदबा साफ दिखाई दिया। अंश स्वर्णकार, मृगांक राजपूत, शोएब खान, निष्ठा सिंह, अंशिका पटेल, निखिल सेंगर, अर्पित मिश्रा, शिवम कुमार, समक्ष अग्रवाल, प्रसून, शिवांश खरे और शरद गुप्ता ने अपने मुकाबले जीते। अगले दौर में मृगांक, अर्पित, अंश, निखिल, शिवा, केश कुमार, समक्ष, अंतश, गजेंद्र, शरद, अरविंद और निकिता ने जीत का परचम लहराया।

आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. आत्मप्रकाश ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में शतरंज के प्रति रुचि, मानसिक विकास और एकाग्रता को प्रोत्साहन देना है। उन्होंने कहा, “बच्चे केवल ट्रॉफी के लिए नहीं, बल्कि सोचने और समझने की प्रक्रिया को निखारने के लिए खेल रहे हैं। यही इस आयोजन की असली सफलता है।”

🎯 जनतंत्र कॉलेज में अमृतोत्सव शतरंज टूर्नामेंट
कुलपहाड़ के जनतंत्र इंटर कॉलेज में अंडर-14 व अंडर-17 वर्ग की इंटर स्कूल शतरंज प्रतियोगिता में 136 खिलाड़ियों ने दिखाई अपनी रणनीतिक प्रतिभा
आरबीपीएस के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन, कई मुकाबले आखिरी चाल तक रोमांच से भरे रहे।
— डॉ. आत्मप्रकाश : “बच्चे ट्रॉफी नहीं, सोच की कला के लिए खेल रहे हैं।”

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