महोबा: चंदेलकालीन धरोहर चंदन तलैया पर भूमाफियाओं का कब्जा, प्रशासन मौन

महोबा: चंदेलकालीन धरोहर चंदन तलैया पर भूमाफियाओं का कब्जा, प्रशासन मौन

महोबा, उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक, चंदेलकालीन चंदन तलैया, जो रामकुंड के पास स्थित है, इन दिनों भूमाफियाओं के निशाने पर है। यह पवित्र तालाब न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।

भूमाफियाओं द्वारा कब्जा:

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि भूमाफिया इस ऐतिहासिक धरोहर को मिट्टी और मलबे से पाटकर अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए कब्जा करने में लगे हैं। यह कब्जा न केवल ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण कानूनों का उल्लंघन है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी नष्ट कर रहा है।

एंटी-भूमाफिया और प्रशासन मौन:

योगी सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद, जिला प्रशासन और एंटी-भूमाफिया टीम इस मुद्दे पर पूरी तरह से मौन हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के कारण भूमाफिया अपने इरादों में कामयाब हो रहे हैं।

स्थानीय निवासियों की मांग:

1. सरकारी हस्तक्षेप: स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि सरकार इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करे और इस धरोहर को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए।

2. भूमाफिया पर कार्रवाई: कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

3. संरक्षण की पहल: चंदन तलैया के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए विशेष योजना बनाई जाए।

 

योगी सरकार के उद्देश्य विपरीत:

योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने का दावा किया है। ऐसे में महोबा जिले का यह मामला सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी:

@DMmahoba और अन्य जिला प्रशासनिक अधिकारियों की इस मुद्दे पर चुप्पी ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। सवाल यह उठता है कि प्रशासन आखिर क्यों चुप है?

निष्कर्ष:

महोबा की चंदन तलैया न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि यह क्षेत्र की पहचान और गौरव का प्रतीक भी है। इसे बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह धरोहर नष्ट हो जाएगी और इसके साथ ही सरकार की नीतियों पर भरोसा भी टूट जाएगा।

महोबा संवाददाता

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