उत्तर प्रदेश: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल, पुलिस की लापरवाही और बढ़ते अपराध पर कड़ी निंदा
उत्तर प्रदेश: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल, पुलिस की लापरवाही और बढ़ते अपराध पर कड़ी निंदा
हमीरपुर जनपद के मुस्करा थाना क्षेत्र के बंडवा गाँव की एक महिला रामसखी पत्नी प्रेम चंद्र ने अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर मामला उठाया है। रामसखी के अनुसार, कुछ दिन पहले उनकी बेटी को गाँव के दबंग व्यक्ति ने बहला-फुसलाकर भगा लिया। इस घटना की रिपोर्ट उन्होंने थाना मुस्करा में दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस अब तक उनकी बेटी को खोजने में नाकाम रही है।
पीड़ित परिवार पर दबंगों का दबाव
रामसखी ने मीडिया को बताया कि आरोपी दबंग उन्हें राजीनामा करने के लिए लगातार धमका रहे हैं। हाल ही में, जब रामसखी और उनके पति मुस्करा से इलाज करवाकर अपने घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में नहर के पास दबंग अजय राजपूत पुत्र हर प्रसाद, आशिक बसोर पुत्र दिनेश बसोर और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने उनकी बाइक रोक ली। दबंगों ने पति-पत्नी के साथ न सिर्फ मारपीट की, बल्कि अश्लील हरकतें भी कीं।
आरोपियों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने राजीनामा नहीं किया तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। तमंचे की नोक पर धमकी देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।
पुलिस की लापरवाही और न्याय से इनकार
घटना के बाद जब पीड़ित दंपति मुस्करा थाना पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, तो थाना प्रभारी ने उन्हें डांटकर भगा दिया और शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने राठ में सीओ साहब के पास न्याय की गुहार लगाई, तो सीओ साहब ने भी शिकायत लेने से मना कर दिया और उन्हें वापस थाने जाने को कहा।
बढ़ते अपराध और पुलिस की उदासीनता
यह घटना एक बार फिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। दबंगों की बढ़ती हिम्मत और पुलिस की लापरवाही से आम जनता में डर और असुरक्षा का माहौल है। योगी सरकार में जहां महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही जाती है, वहीं अधिकारी और पुलिसकर्मी जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं।
समाज में बढ़ते अपराध और प्रशासन की निष्क्रियता की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। पुलिस प्रशासन की इस लापरवाही से न केवल पीड़ित परिवार न्याय से वंचित रह जाता है, बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ता है।
जनता की मांग
जनता और पीड़ित परिवार मांग कर रहे हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, दबंगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, और पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।