लखनऊ में वन विभाग की लापरवाही, हरे पेड़ों की कटाई जारी

लखनऊ में वन विभाग की लापरवाही, हरे पेड़ों की कटाई जारी

लखनऊ, काकोरी और दुबग्गा में वन विभाग के क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की नीतियों की अनदेखी

लखनऊ के काकोरी, दुबग्गा, पारा और मलिहाबाद क्षेत्र में वन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के दावों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां रात और दिन खुलेआम हरे-भरे आम के पेड़ों की कटाई जारी है। यह मामला तब और गंभीर हो जाता है जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण और हरित अभियान को प्राथमिकता दे रही है।

वन विभाग की निष्क्रियता

स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग इस कटाई को रोकने के बजाय मूकदर्शक बना हुआ है। क्षेत्र में आम के बगीचों को अवैध रूप से काटा जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि स्थानीय किसानों की आजीविका भी खतरे में पड़ रही है।

शेर पकड़ने में भी वन विभाग नाकाम

इसी क्षेत्र में शेर के देखे जाने की खबरें भी आई थीं। स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही थी, लेकिन वन विभाग इस मामले में भी केवल औपचारिकता निभाता दिखा। शेर को पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया

काकोरी के एक निवासी का कहना है, “यहां रात में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं। हम कई बार वन विभाग और प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। अगर ऐसा ही चलता रहा तो क्षेत्र का पर्यावरण पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।”

सरकार को चाहिए सख्त कदम

उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के लिए लागू की गई नीतियों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना जरूरी है।

निष्कर्ष

पेड़ों की कटाई और वन्यजीवों की सुरक्षा जैसे मुद्दे केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं हैं। यह स्थानीय समाज और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। वन विभाग की निष्क्रियता न केवल सरकार की छवि को धूमिल कर रही है, बल्कि भविष्य में गंभीर पर्यावरणीय संकट का कारण बन सकती है।

 

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