लावणी छंद*
*लावणी छंद*
१६+१४ मात्राएं
युगल पद तुकांतता
*आजादी*
आज़ादी के जो नायक थे,
जीवित हैं हृदयस्थल में।
इनके नाम अमरता तब तक,
जब तक है सूर्य गगन में।।
भगतसिंह सुखदेव राजगुरु,
आजादी के परवाने।
आज़ादी के खातिर झूले,
थे फांसी पर मतवाले।।
तेरी अस्मिता पर मां भारती
नहीं आंच आने देंगे।
हम मर मिट जाएंगे माता,
शीश नहीं झुकने देंगे!!
@मौलिक_सृजन
©® श्रीनिवास शुक्ला “श्री”