दूरसंचार नेटवर्क की मजबूती से जुड़ी हुई है। इसी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन शुरू किया गया था

दूरसंचार नेटवर्क की मजबूती से जुड़ी हुई है। इसी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन शुरू किया गया था।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनबीएम 2.0 का प्राथमिक उद्देश्य देश भर के शेष 1.7 लाख गांवों को जोड़ना और महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर 100 ग्रामीण परिवारों में से कम से कम 60 को ब्रॉडबैंड संपर्कता की सुविधा मिले। इसके अलावा, हमारा लक्ष्य 100 एमबीपीएस की न्यूनतम फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड हासिल करना है, जिससे ग्रामीण भारत के लिए एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार हो सके।”

ई-गवर्नेंस से लेकर आपदा प्रबंधन तक, एनबीएम 2.0 हर क्षेत्र को बदलने का वादा करता है और इसमें देश भर में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। यह पहल केवल बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में नहीं है – यह एक डिजिटल रूप से समावेशी भविष्य के लिए आधार बनाने के संबंध में है, जहां संपर्कता हर नागरिक को सशक्त बनाती है। जैसे-जैसे भारत इस डिजिटल यात्रा पर आगे बढ़ रहा है, मिशन स्पष्ट है: एक जुड़ा हुआ, लचीला और दीर्घकालीन भारत बनाना जहां प्रौद्योगिकी और नवाचार सभी की समृद्धि के लिए सफल हो।

एनबीएम 2.0 का लक्ष्य भारत को डिजिटल परिवर्तन के एक नए युग में ले जाना है। प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप यह सभी के लिए हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और सार्थक संपर्कता प्रदान करके भारत की एक वैश्विक ज्ञान समाज के रूप में परिकल्पना करता है। एनबीएम 1.0 (2019-2024) की सफलता के आधार पर, एनबीएम 2.0 के मुख्य लाभ निम्नलिखित होंगे:

  1. 2030 तक 2.70 लाख गांवों तक परिचालन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) संपर्कता का विस्तार करना, वर्तमान ~50,000 से 95 प्रतिशत अपटाइम के साथ।
  2. 2030 तक स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और पंचायत कार्यालयों जैसे 90 प्रतिशत प्रमुख संस्थानों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना।
  3. फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड गति में सुधार करना – राष्ट्रीय औसत को नवंबर 2024 में 63.55 एमबीपीएस से बढ़ाकर 2030 तक न्यूनतम 100 एमबीपीएस करना।
  4. 2026 तक पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान प्लेटफॉर्म (पीएमजीएस) पर सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के स्वामित्व वाले फाइबर नेटवर्क की 100 प्रतिशत मैपिंग प्राप्त करना और अतिरिक्त भारतनेट परियोजना की योजना के लिए पीएमजीएस का उपयोग करना।
  5. व्यापार में सुगमता के लिए – राइट ऑफ वे आवेदन के औसत निपटान समय को 60 दिनों (अभी) से घटाकर 2030 तक 30 दिन करना। 2019 में यह 449 दिन था।
  6. प्रति 100 जनसंख्या पर ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या को वर्तमान 45 से बढ़ाकर 2030 तक 60 करना।
  7. 2030 तक 30 प्रतिशत मोबाइल टावरों को सतत ऊर्जा से संचालित करने का लक्ष्य प्राप्त करना।
  8. भूमिगत दूरसंचार अवसंरचना और अन्य उपयोगिताओं की सुरक्षा के लिए ‘कॉल बिफोर यू डिग’ (सीबीयूडी) मोबाइल ऐप के उपयोग को बढ़ाने पर काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने मार्च 2023 में इसका शुभारंभ किया था।
  9. दूरसंचार अधिनियम, 2023 के अंतर्गत जारी नए आरओडब्ल्यू नियम, 2024 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों अर्थात केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और नगर पालिकाओं के साथ सहयोग करें।
  10. देश के कोने-कोने में 5जी नेटवर्क की सुविधा प्रदान करने तथा 6जी के भविष्योन्मुखी नेटवर्क के लिए, देश भर में मजबूत, उपयोग के लिए तैयार स्ट्रीट फर्नीचर अवसंरचना के निर्माण के लिए कार्य करना।
  11. दूरसंचार नेटवर्क और अन्य उपयोगिताओं के रखरखाव और लागत दक्षता में सुधार करने के लिए सभी रैखिक परियोजनाओं में सामान्य/साझा करने योग्य दूरसंचार वाहिनी और उपयोगिता गलियारों के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करना।
  12. देश के दूर-दराज, सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां पारंपरिक बुनियादी ढांचे को तैनात करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, आपदाओं, युद्धों और अन्य आपात स्थितियों के दौरान ब्रॉडबैंड संपर्कता बढ़ाने और ब्रॉडबैंड नेटवर्क की विश्वसनीयता, उत्तरजीविता और लचीलेपन में सुधार के लिए ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीजीडब्ल्यू) जैसी विद्युत क्षेत्र की परिसंपत्तियों का लाभ उठाना।

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