संकट-हरण गणेश जी, हरलो भीषण-कष्ट।
दोहा ——————— 1- संकट-हरण गणेश जी, हरलो भीषण-कष्ट। बैर-भाव जो-भी रखे, करदो तत्क्षण-नष्ट।। 2- सिद्ध-करो हर कामना, श्री गणपति भगवान।
Read Moreदोहा ——————— 1- संकट-हरण गणेश जी, हरलो भीषण-कष्ट। बैर-भाव जो-भी रखे, करदो तत्क्षण-नष्ट।। 2- सिद्ध-करो हर कामना, श्री गणपति भगवान।
Read Moreदोहा छंदाधारित मुक्तक ————————– 1- जैविक-खेती कीजिये, कृत्रिम-खेती छोड़। गरल-घूँट मत पीजिये, अमि-रस गगरी फोड़।। रोग-मुक्त काया बने, अमि-रस सा
Read Moreलावणी छंदाधारित गीत ——————————- धर्मराज की धर्म-धरा में, गंगा-पानी भरती है। परमेश्वर की पर्ण-कुटी में, पावक-पीड़ा हरती है।। 1- पवन-डुलाती
Read Moreशुभ प्रभात शुभ प्रभात का अर्थ है एक सुंदर और सकारात्मक सुबह की शुरुआत। यह वाक्य न केवल दिन के
Read Moreजलहरण घनाक्षरी ————————————————— विधान– 32 वर्णों के चार समतुकांत चरण, 16, 16 वर्णों पर यति अनिवार्य 8, 8, 8, 8
Read Moreगंगोदक सवैया पर आधारित गीत ——————— (ऽ।ऽ रगण×8) ———————– ————————– 212 212 212 212, 212 212 212 212 ———————————— सूर्य
Read Moreपञ्चचामर छंद —————————————– 12121212 1 2121212 ——————————————— 1- हरो विशाल पाप-दोष धूम्र केतु आन के। हरो अनेक रोग-दोष नाथ दास
Read Moreशक्ति छंदाधारित गीत —————————————– मापनी:- – १२२ १२२ १२२ १२ ————————————– गजानन भला भक्त का कीजिए। विनायक दया-दान दे -दीजिए।।
Read Moreबहरे मज़ारिअ ——————————————- 21 2122 221 2122 ——————————————– रोग के कहर से दिन-रात मर रहे हैं। चाँद की सतह पे
Read Moreदोहे- ————————— 1- सोमवार का वार शुभ, पावन-सावन मास। शम्भु नाथ का नाम शुभ, भजते प्रभुपग दास।। 2- बेल पत्र
Read Moreताटंक छंद आधारित गीत ———————————- उमड़-घुमड़ कर सावन बरसे, मंद पवन इठलाती है। उछल रही है प्रेमिल सरिता, हेम लता
Read More*चरखारी विकासखंड के ग्राम पंचायत जरौली में आयोजित चौपाल में जिलाधिकारी ने किया विकास कार्यों का सत्यापन* आपको बता दें
Read Moreछंद – दिगपाल /मृदुगति ———————– मापनी – (221 2122, 221 2122) ———————– 1- प्रभु आपकी कृपा से, यह सृष्टि चल
Read Moreअमृत ध्वनि छंद ————————– तन-मन को पुलकित करे, शीतल मंद समीर। सूरज की किरणें पड़ीं, चमके यमुना नीर।। चमके यमुना,नीर
Read Moreवीर(आल्हा)छंद ——————————— (गुरु पुष्य नक्षत्र, कर्क लग्न(चर)में प्रगट प्रार्थना) ———————————- 1- हरित करो माँ उजड़ा उपवन, बहे सृष्टि में सुख
Read Moreदुर्मिल सवैया —————————- ( सगण(112) X 8 यति 12,12 वर्ण पर —————————- 112 112 112 112, 112 112 112 112
Read Moreमरहठा छंद ——————————– 10-8-11 चरणान्त 21 —————————— 1- आओ मनभावन,बनकर सावन, सूख रही सुख-धार। टालो गिरधारी,संकट भारी, हर-कर भू का
Read More*आगामी नगर निकाय चुनाव के दृष्टिगत जनपद में कानून एंव शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु जनपदीय पुलिस बल द्वारा पैदल
Read More*थाना श्रीनगर पुलिस टीम ने अवैध तमंचा व कारतूस के साथ अभियुक्त को किया गिरफ्तार-* पुलिस अधीक्षक महोबा श्रीमती अपर्णा
Read More*पुलिस अधीक्षक महोबा के निर्देशन पर क्षेत्राधिकारी चरखारी के नेतृत्व में थाना चरखारी क्षेत्र में अर्धसैनिक बल के साथ किया
Read More*प्रबुद्धा छंद* रंगरेज सरकार, रंग मुझे निज रंगमें। भूलूॅं सुध बुध आज , बसो श्याम हर अंग में। बसो
सिंहावलोकन दोहा मुक्तक —————————- 1- भजन राम का कर रहे, होकर प्रभुपग मौन। मौन खड़े जो देखते, उनकी मेधा पौन।।
Read Moreअमृत ध्वनि छंद —————————- #महोबा ————————– 1- पावक भ्रष्टाचार की, करे हिन्द को नष्ट। निष्क्रिय चौकीदार से, नहीं चोर को
Read Moreकुंडलिया (सिंहावलोकन) ————————- सावन वर्षे प्रेम का, नाचे मन का मोर। मोर नाचता देख के, करती कोयल शोर।। करती कोयल
Read Moreडमरू घनाक्षरी —————————————————– विधान-32 वर्णों के चार समतुकांत चरण, 16, 16 पर यति अनिवार्य, 8, 8, 8, 8 पर यति
Read More*महाभुजंगप्रयात सबैया* 122-122-122-122, 122-122-122-122 चलें आज कान्हा सहारे तुम्हारे , बनी हूॅं पुजारी सुनो श्याम मेरे। सदा श्याम श्यामा
बह्र ——————————- 221 2121 1, 221 212 ——————————- तरु पे लगे मधुर फल, कटु शूल पा रहे।। गुजरे हुए मधुर
Read Moreउल्लाला छंद (विषम चरणी) ——————————- तुम लगन लगालो राम से। प्यारा जिनका धाम है।। तुम लगन लगा लो श्याम से।
Read Moreचौपाई छंद कान्हा तू घट-घट का वासी। तेरे दर्शन की अभिलाषी।। तुम विन कान्हा कोन उबारे। भव सागर में
लावणी छंदाधारित गीत ——————————- बनकर झाड़ू मात तुम्हारी, करूँ साफ कचड़ा भारी। रहकर माँ के कर कमलों में, हरूँ आज
Read Moreराधारमण छंद ——————————– विधान~ [नगण नगण मगण सगण] (111 111 222 112) 12 वर्ण,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत] ——————————– 1-
Read Moreप्रदीप छंदाधारित श्री गणेश जी की वंदना —————————— धूम्र केतु का पूजन करलो, प्रथम पूज्य गजराज हैं। भाल चन्द्र को
Read Moreगिरिधारी छंद ——————————– विधान~ [ सगण नगण यगण सगण ] ( 112 111 122 112) 12 वर्ण,4 चरण दो-दो चरण
Read Moreगंगोदक सवैया (ऽ।ऽ रगण×8) ——————————— सृजन शब्द-ज्ञान गंगा ——————————— 212 212 212 212, 212 212 212 212 ——————————— 1- ज्ञान
Read Moreदोहा छंद आधारित मुक्तक ———————————— सन 1987 से आज तक सुगिरा श्री जुगल किशोर जु मूर्ति चोरी काण्ड में निष्क्रियता
Read Moreजोगीरा ——————————– अपनी-अपनी ढपली बजती, अपना-अपना राग। अब मत सोते रहना सज्जन, अबतो जाओ जाग।। जोगीरा सारा रा रा रा—–
Read Moreभाव माधुरी ______[ मुंडमाल उर में धरे, उमानाथ भगवान | चंद्रमौलि का जाप है, नाथ वही गुणवान || वास करें
Read Moreमनहरण घनाछरी छंद। 8,8,8,7 पदांत-212 सृजन शब्द-शिवरात्रि निराकार निर्विकार, शीश इंदु गंगा धार, बोलो भोले जयकार, कृपा तो दिखाइए। अर्ध्नारीश्वर
Read Moreपाँच सोरठा ——————– सृजन शब्द-शब्द ———————— 1- शब्द-शब्द का सार, आप लोग भी जानिए। छन्द-छन्द का तार, राग मध्य में
Read Moreप्रीत पदावली —- 28/02/2022 —— मेरे पिया —– मोहे पिया मिले अनुरागी । सोते गुजर रहा था जीवन , अब
Read Moreप्रीत पदावली —- 27/02/2022 —— बोलियाँ —– जलतरंग सी लगे बोलियाँ । आह्लादन करती दिव्य क्रियाएँ , सहेलियों की मति
Read Moreरामा हे रामा हे मेरे रामा कलयुग में एकबार आओ न रामा। त्रेता में जैसे तुम आये रामा कलयुग में
Read Moreभगवान छन्द (स्वरचित) (भ-भूमि+ग-गगन+व-वायु+आ-आग+न-नीर) सूत्र- य+म+स+र+त=5 गण=पाँच तत्व मगण-(222)-शुभ गण-देवता-पृथ्वी-फल-लक्ष्मी यगण-(122)शुभ गण-देवता-जल-फल-आयु रगण-(212)अशुभ गण-देवता-अग्नि-फल-दाह तगण-(221)अशुभ गण-देवता-आकाश-फल-शून्य सगण-(112)अशुभ गण-देवता-वायु-फल-विदेश मापनी- 122
Read More*हरि शरणम्* मुक्तक ——– जीवन जीना सीख ले, सुन संतों के बोल , भटकन सारी छोड़ दे, रे मन आँखें
Read Moreप्रीत पदावली —- 25/02/2022 —— प्रिय कंत —– शकुंतला का दुष्यंत बनाया । मन विक्षिप्त पाषाण हृदय को , स्वर्ण
Read Moreमहा-गुरु छन्द ——————————- (विधान स्वरचित) ——————————- विधान- धनु राशि वर्ण से शुरू एवं अंत मीन राशि वर्ण पर चारों चरणों
Read Moreमंदारमाला सवैया। तगण+7-2 सृजन शब्द-सम्मान दो। 221-221-221-2 21-221-221-221-2 सम्मान दो ज्ञान दो मान लो, आज की बात को ध्यान दो।
Read Moreसुन्दरी सवैया ———————– 11+211*7 + 22 ———————- 11 211 211 211 211, 211 211 211 22 ——————————- 1- मनभावन हे
Read Moreछप्पय छन्द ——————– शीर्षक-मुरली ——————— 1- मुरली खोई आज, श्याम जी ढूँढ़ रहे हैं। चिन्ता में हैं श्याम, नीर से
Read Moreकुंडलिया ————————– 1- जाना मत फँस चाल में, सुनो वीर हनुमान। काल नेमि है मार्ग में, मेरा ये अनुमान।। मेरा
Read Moreछंद – शक्ति विधान – इसमें 18 मात्राओं के चार चरण होते हैं, अंत में वाचिक भार 12 होता है
Read Moreसोच रहा हूँ मैं बन जाऊँ,पथिक किसी के प्यार का। राह देखता हूँ अब मैं भी,प्रियतमा के इन्तेजार का।। वो
Read Moreसपाइयों ने मनाई “लोकनायक” जयप्रकाश नारायण जी की जयंती ———————————– समाजवादी पार्टी कार्यालय जनपद महोबा “लोहिया भवन” के लोहिया सभागार
Read More—- हिंदी अपनी भाषा है —- हम हिंद देश के वासी हैं , हिंदी अपनी भाषा है । देवनागरी शुभ
Read Moreचौपाई छंद पर गीत— सृजन शब्द- — *अंतर्मन*
अंतर्मन की ज्योत जलाना। हे कान्हा तुम जल्दी आना।। * मनवा
ताटंक छन्द पर आधारित शिव भक्ति गीत —————————- भोला से ही व्याह रचाऊँ, सुनलो मेरी माता जी। शंकर से ही
Read Moreशीर्षक_ गणेश वन्दना गौरा जी के लाल का अनुपम देखो रुप, कर जोर गुणगान करूं मनोहर स्वरुप। एकदंत, गजवदन ,विनायक
Read More, सुधारें सबके बिगड़े काज ।। आपका आराधन हो प्रथम, आप निज जन की रखते लाज ।। महादेव सुत गौरी
Read Moreमहिला मोर्चा के पदाधिकारियों को विधायक ने किया सम्मानित। हमीरपुर जनपद के राठ में आज भाजपा महिला मोर्चा की नवघोषित
Read More!! गणेश वंदना !! विधा- चौपाई। हे गिरिजासुत दीनदयाला। निज भक्तन पर होहु कृपाला।। करहु कृपा हर लो सब माया।
Read Moreजिंदा लाशें जो हूकूमत से डरा करती हैं, खुद की हस्ती मिटा के रोज-रोज मरती हैं! उनसे अच्छे ये जनाजे
Read Moreअज्ञात वाहन की टक्कर से युवक की हुई मौत। हमीरपुर जनपद में राठ कोतवाली क्षेत्र के जवाहर नवोदय विद्यालय के
Read Moreविषय:- #जिह्वा विधा:- #कविता दिनांक:- ०९/०९/२०२१ स्वरचित ***** नहीं टोकते- नहीं रोकते, नहीं रखा है बंधन इस पर। सबको मीठी
Read Moreकुंतलता/माधवी/सुखी सवैया आठ सगण+लघु+लघु। 112-112-112-112 112-112-112-112-1+1 सृजन शब्द-नायक अब जीवन में तुम आन बसे, अब जीत लिया मन को बन
Read More*संस्कारों की महिमा* संस्कृति और संस्कार हमारे है जीवन की अनमोल धरोहर। इनके बिना ,अधूरे हम सब, ये ही तो
Read Moreमेरे हमसफर मेरे हमसफर मेरे हमसफर मेरे साथ चल मेरे साथ चल अधूरा है मेरी जिंदगी का सफर मेरे साथ
Read Moreतीज का महत्त्व त्योहारों का देश है भारत देश अपना, सब हो सुखी और संपन्न हो सुखमय सपना। पावन भादो
Read Moreचली आ पास ओ पगली गई थी मिल चली आई, बता क्या तू गले लग ली ?? पवन तुझको नमन
Read Moreपर्यावरण संरक्षण कहते पुराण सब धर्मग्रंथ जीवन का था अति सरल पंथ। सब मानव होते थे शतायु जल- थल पावन
Read Moreविधा-गीत अंतरा- *कटि करधनिया पग पैजनिया* *नटखट नार नवेली* सुनत गुजरिया श्याम सँवरिया, भरमत डगर अकेली। *कटि करधनिया पग पैजनिया*
Read More गणपति वंदना
गौरीनंदन बालगणपति सिद्धिविनायक तुम्हें नमन, एकदंत गजकर्ण गजानन महागणपति तुम्हें नमन, मंगलमूरति मूषक वाहन हे प्रथमेश्वर
शीर्षक – अर्धांगिनी तन मन को मिलीं खुशियां, लगे जीवन ये प्यारा है। विश्वास की उनसे मिली, अविरल एक धारा
Read More*गणपति*वंदना हे गिरिजा महेश तनय, सुन लीजे हमारी विनय! दुःख दरिद्रता हरने वाले, रिद्धि -सिद्धि करने वाले! आज पधारो द्वार
Read More जो तपेगा सूर्य सा, उसका ही जग में नाम होगा
धैर्य की होगी परीक्षा, फिर सुखद परिणाम होगा
मुक्तहरा सवैया —————————- 121 121 121 121, 121 121 121 121 —————————– 1- रटो नित माधव के शुभ नाम, रहो
Read Moreनिशिपाल छंद आधारित बह्र 15 वर्ण पिंगल सूत्र- भ ज स न र (211 121 11 2 111 212) आज
Read More नेह छुपल बा
************************* ***मेरे मन के भाव को पक्तियों में पिरो कर मेरे भाइयों आपके समक्ष लाई हूं,अपनी
शीर्षक – राखी का त्यौहार आया राखी का त्यौहार, खुशियाँ लाया ढेर अपार। नहीं रहे कलाई सूनी, बलाएँ लेतीं बहनें
Read Moreदेखो रक्षाबंधन आया है। मेरी राखी का पैगाम लाया है । मेरी कलाई पर सजने लगी बहना तेरी राखी प्यार
Read More। बिषय:- *एक राखी सैनिक के नाम*। एक रक्षाबंधन प्यारा सा वीर जवानों के नाम। नेह का धागा भेज रही
Read More!!तुम्हारे मायने!! तुम हो जीने की कला, तुम्ही जीने की चाह हो। मेरे जीवन का सहारा तुम्ही तुम्ही “श्री” का
Read Moreहमारी भी तस्वीर छपे ,एक दिन अखबार में पद्मश्री हमको मिले और चर्चा हो संसार में पैसा होगा और होगी
Read Moreताटंग छन्द आधारित गीत —————————- बीते पल की याद सुहानी, मनभावन लौटा देना। खेले सावन की बारिश में, वो सावन
Read Moreसोरठा+कुंडलिया छंद पर आधारित गीत ——— —— —- —- — गोरी तेरा रूप, देख कर तन मन डोले। सुंदरता का
Read Moreरक्षाबंधन का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा शुभमुहूर्त में ही देखकर बांधे राखी : समाज सेवी मंजूषा गौतम ———————————————
Read Moreमनहरण घनाक्षरी भाई-बहन जग में मिशाल बने, बहन की ढाल बने, भईया मेरी जान है, पिता के समान है, मुझे
Read More*मत्तगयंद सवैया छंद* 211 211 211 211, 211 211 211 22 सावन में सज के बहना घर, आय गई सॅंग
Read Moreराखी का त्यौहार आया राखी का त्यौहार लाया खुशियां हजार, फूलों से चेहरे खिले हैं आज प्यार के धागों में
Read Moreविधा-मनहरण घनाक्षरी *सृजन शब्द-रक्षाबंधन* रक्षाबंधन त्यौहार, झूमे खुशी द्वार द्वार, हर्ष और स्नेह लिये, *जाते हम मान से!* बहनों की
Read Moreभाई कैसा भी हो अपना पर अच्छा होता है ————————- भाई कैसा भी हो अपना पर अच्छा होता है है
Read Moreमनहरण घनाक्षरी —————————————— सिर पर तिलक है,बंद हर पलक है, सुखमय झलक है,देख भोले नाथ की। मुंडन की माल डाल,चलें
Read Moreगीत- (उल्लाला(विषम चरणी)+ छप्पय छन्द पर आधारित) —————————— सेंदुर की डिब्बी साथ में। बहना लाई आस में।। है रक्षा बंधन
Read Moreउल्लाला छंद आधारित युगल प्रेम गीत ————————— तुम आओ मेरे साथ में, घूमें जाकर हाट में। चल बैठें साजन शौक
Read Moreगीत -रचा इतिहास नीरज मात्रा -16, 12 पदांत 22 रचा नया इतिहास जगत में, स्वर्णिम नाम कमाया। माॅ॑ भारती का
Read More*साँची-सुरभि* *जीवन अनमोल* *द्रुतविलम्बित छंद* मनुज जन्म मिला अनमोल है । अमृत का यह तो शुचि घोल है । अब
Read More*चोरी-चोरी चुपके-चुपके, माधव अन्तर्ध्यान है।…* *नटखट कान्हा वसन चुराकर,छेड़े मुरली तान है।…* जल क्रीड़ा आनंद उठाती, नित्य गोपियाँ वृन्द है।
Read Moreइस कदर दिल टूटा कि ,जीने की चाह नहीं रही अश्क इतने बहे कि समुन्दर को पानी की जरूरत नही
Read More*उठे जब भी कलम* उठे जब भी कलम कुछ ऐसा लिखे। प्रभाव जिसका इस समाज में दिखे। कलम वह हथियार
Read Moreस्वतंत्रता दिवस ************* कितने वर्ष गुजरे भारत माता ने पराधीनता की जंजीरों में अपमानित हुई पल-पल भारत भूमि कुचली गई
Read Moreस्वतंत्रता दिवस ************* स्वतंत्रता दिवस की महत्ता को पहचानिए, इसे भी औपचारिक दिवस मत बनाइए। इसके पीछे के संघर्षों बलिदानों
Read Moreमेरे भारत की यही पहचान है ______________________ मेरे भारत की यही पहचान है। मेरी मिट्टी मेरी शान वतन की रखना
Read More◆ कनक मंजरी छंद ◆ शिल्प~ [4 लघु+ 6भगण (211)+1गुरु] = 23 वर्ण चार चरण समतुकांत] या {1111+211+211+211 211+211+211+2} 1-
Read Moreदोहा पर आधारित गीत ———————– बाँधो राखी हाथ में, प्रीत भरी है डोर। बहना मेरे साथ में, सावन की है
Read Moreतर्ज- बरसात की धुन—- राष्ट्रीय गीत ————————————————- आओ देश मेरे खुशी से तुम्हें भी घुमाता हूँ। अब आसमान से पानी
Read More*लावणी छंद* १६+१४ मात्राएं युगल पद तुकांतता *आजादी* आज़ादी के जो नायक थे, जीवित हैं हृदयस्थल में। इनके नाम अमरता
Read Moreसावन बरसे सुहाना रिमझिम बरसे सावन सुहाना, बूंदो नें छेड़ा मधुर तराना, सावन के आते ही हरे दुपट्टे, हरे दुपट्टे
Read More*शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रही, भारत व झारखंड सरकार से पंजीकृत संस्था राष्ट्रीय व
Read Moreतर्ज -उड़ जा काले कावां तेरे मुँह विच खंड पावाँ राष्ट्रीय गीत ————————– सबसे सुंदर मेरा भारत, मिट्टी उगले हीरा।
Read Moreकिताबों पे लिखा है जो, वही किस्सा हमारा है ! जिसे मैं याद कर तड़पा, हसीं चेहरा तुम्हारा है !
Read Moreशुरू हुआ जो सिलसिला रुकने अब न पायेगा देश का मान बढ़ायेगे अपना परचम लहरायेगें । कांस्य, रजत, स्वर्ण पर
Read Moreविधा – – कविता (सरसी छंद) शीर्षक- भारत भूमि स्वरचित शीर्षक- “भारतभूमि” ***** गौरवमय है तेरी थाती, हमको है अभिमान।
Read Moreमहाभुजंग प्रयात सवैया छंद यगण। 122-122-122-122,-122-122-122-122. सृजन शब्द-शिवाला चलो जी करेंगे शिवा नाथ पूजा, चढ़ाते हुए फूल बेला मखाने। मिले
Read Moreभारत का धर्म ************ मेरा अपना धर्म वसुधैव कुटुंबकम जाति पाति से दूर निंदा नफरत से मुक्त प्रेमभाव, सद्भाव आपसी
Read Moreशुभ दिन पंद्रह अगस्त आया शुभ दिन पंद्रह अगस्त, खूब मचाओ शोर। पाने को आजादी सबने, अथक लगाया जोर। हँसकर
Read More*महाभुजंगप्रयात सवैया* *122 122 122 122 ,122 122 122 122* ~~~~~~~~~~~~~ ~~~~~~~~~~~~~ *विषय —– भावना* कहूँगी यहाँ भावना आज मैं
Read More*पंद्रह अगस्त फिर आया* करो नमन भारत वीरों को पंद्रह अगस्त है फिर आया । वीरों के ही बलिदानों से
Read More“गीतिका” सभी पंक्षी हुए बेघर ***** न आती याद यदि तेरी, न मेरा मन मचलता यों। न पलकों पर सपन
Read More*करो सद्व्यवहार* आज बढ़े हैं दुर्जन जग में, देखो कम हो रहे सुजान। चार शब्द क्या सीख लिए हैं, समझ
Read Moreअग्र छन्द आधारित गीति काव्य विधान~ (तगण×7+ गुरु गुरु) विशेषता- अधर(होंठ से होंठ स्पर्श रहित) ————————– 221 221 221 22
Read Moreख्वाब हो गए अब तुम भी खुशियों की मांग में कर गए मुझे गुम सुम ही ख्वाब हो गए अब
Read Moreशीर्षक – मैं एक नारी हूँ। _________________________________________ मैं अबला नहीं, असहाय नहीं, ना ही बेचारी हूँ। मैं गर्व से कहती
Read Moreअनुकूला छंद विधान- [भगण तगण नगण+गुरु गुरु] ( 211 221 111 22 11 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत —————————–
Read Moreप्रीति में होकर दिवानी, बूँद में कुछ यूँ ढली है। चूमने शतदल अधर को, झूमकर बरखा चली है। केश अपने
Read More*भारतीय साहित्य संस्कृति का काव्य संवाद यात्रा कार्यक्रम संपन्न, जीना नहीं जिंदा रहना है-सुधीर* *************************** साहित्यिक सामाजिक संस्था ‘भारतीय साहित्य
Read Moreदिनांक – ०२/०८/२०२१ विधा – – कविता शीर्षक- “प्रथम रश्मि” ***** उठो! सवेरा तुम्हें बुलाता, दुस्वप्नों की रात गयी। प्रथम
Read More“सावन बहका” लो जी सावन बहका है, बूंदों पर मस्ती है ,मनवा भी उसका है। बरसा सावन है, ऋतु मनभावन
Read Moreजीतने के लिए ************ पिता पुत्र को जीवन के ढंग बताता है, संघर्ष करते हुए हौसले के गुण सिखाता है।
Read Moreन जाने ऐसा क्या हुआ कि तुम से बात की और तुम्हें ही से प्यार हो गया फूलों तो खिले
Read Moreआधार छंद- वाचिक स्रग्विणी पर आधारित बह्र मापनी- 212 212 212 212 ———————————— ज्ञान के दीप की रोशनी चाहिए। शब्द
Read Moreमानव मूल्य ********** बहुत अफसोस होता है मानव मूल्यों का क्षरण लगातार हो रहा । मानव अपना मूल्य स्वयं खोता
Read Moreआज युद्ध की आहूती में बारी मेघनाद की आई थी मारूँगा या मर जाऊँगा सौगंध पिता की खाई थी हाहाकार
Read Moreविषय-जिंदगी से दोस्ती अभी जिंदगी से दोस्ती कर लिजिए । भूला सारे आप गमों फिर दिजिए ।। खुशी दूसरों को
Read More*प्रेमचंद की कथाओं के एक – एक पात्र कालजयी- दीपक क्रांति* बदलाव मंच द्वारा मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में हुआ
Read Moreमत्तगयंद सवैया ———————- भगण ×7+2गुरु, 12-11 वर्ण पर यति चार चरण समतुकान्त। ————————– 211 211 211 211 211 211 211
Read Moreऐ ज़िंदगी जरा रुक जा थोड़ा सम्भल। क्यों बेताबी है आगे बढ़ने की यूँ न मचल।। देखे थे कुछ ख्वाब
Read Moreऐसे ही एक शांत शाम में मोबाइल की गैलरी में तस्वीर देख रही थी… अचानक एक तस्वीर पर उंगली रुक
Read Moreशीर्षक -काया का महत्व एक दिन मानव देह देख मैं बहुत इठलाई, इस सुंदर काया का वर्चस्व देख मन
Read Moreकुंडलिया ————————– पाती हिलती नीम की, मन्द पवन के वेग। रिम झिम मेघा प्रेम के, बादल जैसें तेग।। बादल जैसें
Read Moreशीर्षक-जैसे पिघल गया हो लावा असीमित है तू, मैं तेरी सीमित परिधि। तुझ में निहित मेरा प्रेम, तेरे प्रीत में
Read More*वर्ल्ड रिकॉर्ड कवि सम्मेलन गोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव का काव्य पाठ संपन्न ,नेत्रदान को संकल्पित, देहदान की दृढ़ इच्छा* ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
Read Moreजिंदगी के पीछे भागता मुसाफिर शहर भाग रहा था,जिंदगियां भाग रही थी। कुछ ज़रूरतों के पीछे भाग रहे थे। तो
Read Moreआदत सुधार लो सत्पथ पर चल बंदे, आदत अपनी सुधार लो। निंदा से बच तू बंदे, सन्मार्ग तुम अपना
Read Moreप्रकाशन हेतु चल शुरू से करें फिर शुरू जिंदगी अब हमें आ गया जीना जिंदगी चलते चलते यूं ही
शीर्षक -काया का महत्व एक दिन मानव देह देख मैं बहुत इठलाई, इस सुंदर काया का वर्चस्व देख मन
Read Moreश्रृंगार छंद 16 मात्रा मापनी मुक्त मात्रिक आदि त्रिकल+द्विकल अंत 21 ————————————— 1- मेघ कब छाएँ नभ में आन। श्याम
Read Moreबिषय-: मेरे ख्वाबों में। रोज रोज मेरे ख्वाबों में आकर मुझे सताया न करो। दिखा कर झलक अपनी तड़फाया न
Read Moreपेंडुलम के कंधे पर बैठा समय ……………………………………………… पेंडुलम के कंधे पर इत्मीनान से बैठा वक्त झूलता रहता है अपनी ही
Read Moreविषय_एक शाम तेरे नाम दिल की मेरी तमन्ना है, करूं एक शाम तेरे नाम, अरमान भी जाग गए हैं, कबूल
Read Moreहे महात्मा हे बुद्ध एक बार फिर आजाओ हमारे कुछ प्रश्नों के समाधान दे जाओ…. क्यों सहारा लिया तुमने रात
Read Moreदिल का मिजाजे हाल जरा बता दीजिए कैसे हो मेरे यार जरा बता दीजिए !! क्या मिल गया है मीत
Read Moreशीर्षक :- अरे कहीं देखा है तुमने अरे कहीं देखा है तुमने मुझे प्यार करने वाले को? मेरी आँखों मे
Read More*शीर्षक : प्रकृति ने मन मोह लिया* न सूरज ने मोह लिया न चाँदनी ने मोह लिया मुझे तो
Read Moreरोटरी क्लब के तत्वाधान में लाला कालिका प्रसाद श्रीवास्तव इंटर कॉलेज में वृहद वृक्षारोपण कानपुर नगर पर्यावरण बचाने, वृक्षारोपण को
Read Moreउल्लाला छंद आधारित गीत —————————– माता कवियों की जान हो, देती विद्या दान हो। कैसे तेरे बिन गान हो, बीच
Read More*शीर्षक – आ जाओ रे मेघ* धरती रही पुकार अब आ जाओ रे मेघ, तुम बिन सूने हैं मेरे नैन,
Read Moreकब कहां कैसे बदलती है पता नहीं चलता है जिंदगी कितने लोग मिल जाते हैं इस जीवन में जो किसी
Read More*जानिए, किशमिश के यह 7 मीठे लाभ* 1 आयरन की मात्रा से भरपूर किशमिश महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है।
Read Moreशीर्षक -एक -दूजे के लिए मैं तेरी हकदार तू मेरा हकदार ,, आ एक-दूजे से करें नेह भरा इश्क का
Read Moreहे प्रभु, तुम यूंं मूक, मौन, शान्त, तृप्त, संतुष्ट, आनंदित व उन्मादित मगर क्यों? जबकि मेरा हृदय द्रवित, पल्लवित, झंझावित,
Read More*विरह बना विच्छेद* प्रीत पुरानी मीत पराया एकल अतीत ने गले लगाया टूटे बंधन अग्नि-फेरों के छूटा अब संगी का
Read Moreबरगद सी छाँव देता पैर कटनें पर पाँव देता जीवन भर फल देता हर मुश्किल का हल देता अपनी बातों
Read Moreइस तरह सोचा न था ये खबर आयेगी मौत का पैगाम अपने साथ में लायेगी ********** नियति
जो सोचे हम
“गीत” “खिलखिलाती वेदना” ********** कंटको पर पंखुड़ी सी, खिलखिलाती वेदना! गीत बनकर निज अधर पर, गुनगुनाती वेदना! आँख के रस्ते
Read Moreविधा – – कविता शीर्षक- “डर के आगे जीत” ***** बहुत बुरे हालात नहीं हैं, अभी हाथ है सब कुछ
Read More” लेख लेखन ” “””””””””””””””” विषय :– ” बिखरता परिवार सिमटता प्यार ” =======//=====//===== आज मानव शिक्षित समाज का मुकुट
Read Moreचवपैया छंद 30 मात्रा 10 -8-12अंत गुरु (अंत में 1122 उत्तम) विषय-काज़ल ——————————– 1- लोचन का काजल,काला काला, लख कान्हा
Read Moreदिनाँक – 14/07/2021 दिन – बुधवार विषय – *योग* विधा – *दुर्मिल सवैया* 24- वर्ण , आठ सगणों – (।।ऽ)
Read Moreखामोश हूँ, खामोश ही रहने दो मेरी इस खामोशी को। कैसे कोई समझेगा, मेरी इस खामोशी को। तकलीफ कहूँ या
Read More*मनहरण घनाक्षरी* शीर्षक – *झूठ* झूठ की अभिव्यंजना, विश्वास को है तोड़ती, जोड़ती है स्वार्थ सभी, छोड़ ऊंची भावना।
Read Moreहृदय देश का मैं हूँ,मध्यप्रदेश है नाम दिया मेरे हर बेटे ने ऊँचा मेरा नाम किया आजाद चंन्द्रशेखर तात्या नें
Read More*शारदे काव्य संगम मंच के उत्थान हेतु किया गया नवीन संचालकों तथा समीक्षकों का मजबूत गठन* शारदे काव्य संगम मंच
Read More◆सरसी / कबीर /समुंदर छंद◆ विधान~एक चरण चौपाई + एक सम चरण दोहा [16+ 11= 27 मात्राओं का सम मात्रिक
Read More____________________________ उसका दर्द कौन समझे ??
____________________________ अपना दर्द छुपा वह नारी, वह अपनों के लिए जीती है। फिर क्यूँ
*मनहरण घनाक्षरी छंद* देश हित दिए जान उनका हि बढ़ा मान शीश रणबांकुरे की शान में झुकाइए । भारत माँ
Read Moreमेरी छोटी सी बगिया मैंने अपने घर के बाहर एक बगिया बना रखी है ,उसमें एक छोटी सी दुनिया बसा
Read Moreबह्र- (12 12 2 222 2 21 12 221 12) —————————- कलम फँसी है जंजीरों में, कौन करे आजाद इसे।
Read Moreगीत (16/12) क्षितिज पटल को अपलक आकुल, निरखें नैन चितेरे। मत जाओ हे! तरणि तमोहर, अंचल अवनि अँधेरे।। तुम से
Read Moreग़ज़ल आशियाने को… बनाने के… लिए खाई ठोकर मैने गैरो के लिए वह जहां को ,छोड़ के अब चल दिए
Read Moreमनहरण घनाक्षरी आप ही विचारिये * *1* *आप ही विचाइये* हर ओर बढ़ी भीड़, तोड़ रही जग रीढ़, सुविधाएँ घट
Read Moreमेघमाला… सावन की रुत सावन की रुत आई, सावन की रूत हैं आई। खुशियाँ ही खुशियाँ लाई, चंहुदिशी हरियाली
प्रेम की डोरी
तुम्हारी ये अदाएँ आज फ़िर कुछ कहती हैं आओ ज़रा खामोशियों में गुफ़्तगू कर लें। न तुम
एक कविता ( माँ की याद में ) अम्मा तुम फिर आ जाओ ना मुझे प्यारी बिटिया बुलाओ ना अम्मा
Read Moreहँसती भी है जिंदगी
यूँ तो धरा अंधकार है पर अंबर में चमत्कार है पल -पल बनते बिगड़ते क्या मनोरम
सतना – (म -प्र)*शारदे काव्य संगम पटल पर हुई साहित्य की रिमझिम बारिश* साहित्य के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन अपनी
Read Moreमेघमाला… सावन की रुत सावन की रुत आई, सावन की रूत हैं आई। खुशियाँ ही खुशियाँ लाई, चंहुदिशी हरियाली
कब तक महकना है ये बहार को तय करना है, इश्क कब तक चलेगा ये इंतजार को तय करना है।
Read Moreत्रासदी के अंग ( मेरा सफरनामा ) ___________________________ लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि आप एक औरत हैं और महिलाओं
Read Moreभाषाई विश्वयुद्ध आने वाले समय में अगला विश्वयुद्ध भाषायी युद्ध होगा. सबसे बड़ी संख्या में हिन्दी भाषा के में ही
Read More*मेरी कविता में ढल जाओ तुम/* *गीत* *मेरे कलम की बन जाओ स्याही* *मेरी कविता में ढल जाओ* *तुम* ।
Read Moreजिंदगी हंस के गुजारो तो कोई बात बने। भावना मन की संवारो तो कोई बात बने।। आइना सब को दिखाने
Read Moreआदरणीय छंद गुरु रामनाथ साहू ननकी भैया को समर्पित है *सार छंद गीत* ************ *जन्म दिन की बधाई* ***************** धन्य
Read Moreकुसुमित कुण्डलिनी —- 09/07/2021 —— परिचय —– परिचय इतना जान लो , मैं ईश्वर संतान । लक्ष्य बनाया है
Read Moreचित्र पर आधारित आयारे आयारे गुब्बारे लेकर आया रे चिन्टू पिंटू मिन्टू आओ लेलो गुब्बारे लेकर आया रे। गगन में
Read Moreजीवन है फूलों का संसार। कांटे ही बने इसके यार।। प्यार ही खोजे ये जीवन। चलता बहुत तेज रफ्तार।। जीवन
Read Moreकानीन कुंती के कर्ण कानीन। क्यों करें कोई कलेश कृपा करी कर्ण धार। कसौटी कस्ती बनी। सत्या सौंदर्य स्वरूपा। संत
Read Moreहास्य व्यंग्य भिखारी ÷÷÷÷÷ कल सड़क पर एक अधेड़ सा भिखारी मुझसे टकराया, मैनें हड़काया उसने बड़े प्यार से मुझे
Read More*लक्ष्य
* =========== कुछ सपने हैं मेरे मन में अरमान सजाए बैठे हैं.. उनकी चिंता है नहीं मुझे, जो हमसे ऐंठे
दिन – गुरु वार दिनांक – 08 – 07 -2021 विषय – गाँव विधा – कविता ” पद्य विधा ”
Read Moreशीर्षक :- मै तन्हा यहाँ हूँ वो रह रह कर मेरा दिल चुरा रहे हैं मै तन्हा यहाँ हूँ और
Read Moreकैसे रखें वो राब्ता जिसका कोई अंजाम नहीं। तुम उसकी बाँहों में रहो अपने बस का ये काम नहीं। हम
Read Moreरंगीन आशियाने तेरे साथ पूरे हो रहे मेरे सपने, सब कुछ पूरे लगते तुमसे मिलके, इक अनजान से दिल लगाकर
Read Moreस्वर्णिम दर्पण पत्रिका में मेरा सहयोग करने के लिए मेरा आपको कोटि – कोटि प्रणाम – दोस्तो कृपया अपनी रचनाएं
Read Moreबांधी तुझ संग प्रीत की डोरी, तू श्याम मैं राधा गोरी । कितने मौसम बेरंग बीते , दरस को तरसे
Read Moreगीत/विवेक दीक्षित *स्वांस-मन-चेतना,प्राण-तन-आत्मा!* *सब तुम्हारे लिए,बस तुम्हारे लिए!* *यज्ञ-तप-साधना, पुण्य-फल-कामना,* *सब तुम्हारे लिए, बस तुम्हारे लिए!* मैंने जिसको गढ़ा था,
Read Moreशिर्षक: चालीस ग्राम का चातक चालीस ग्राम का चातक, बस तरइ ही ताकत, आग भुझे ना मिटती पीड़ा, नभ ताकत
Read Moreप्रेम क्या हैं…….? किसी बूढ़ी गोपी का कृष्णा हीं प्रेम हैं, भूखे पंक्षीयों का दाना हीं प्रेम हैं, माँ की
Read Moreकभी छिपकर जताया है कभी जताकर छिपाया है ये दर्द- ए – इश्क़ है प्यारे मलहम ना मिल पाया है
Read Moreएक नई शुरुआत बहुत कुछ फिसल गया हाथों से बहुत कुछ अब नहीं रहा है पास, माना नही रहा अब
Read Moreमजबूर हूँ प्रिये तुम कुसुम लता सी मैं पर्वत जैसा तुम लदी चढ़ी सी मुझ पर मैं भावहीन पत्थर सा
Read Moreशीर्षक- सावन का महीना आया सावन छाई हरियाली, फूल खिले डाली डाली। अमवा पक गए हैं पेड़ों पर, सखी
Read Moreदीपक क्रांति को मिला बेस्ट टीचर का नेशनल अवॉर्ड झारखंड के अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि लेखक व्यंग्यकार गायक व कलाकार
Read Moreदिन का स्वागत रात ढलती रही दिन निकलता रहा, लालिमा बिखेरता दिनकर उगता रहा, चाँदनी जाती रही रौशनी आती रही,
Read Moreचित्राधारित सृजन *************** विधा- कविता —————– रस्सी ताने खड़ी दो बालिका, एक मकान के पास, कर रही है बच्ची एक
Read Moreताटक छंद मात्रा भार-30 यति–16,14 पदांत-222 सृजन शब्द-गीत खुशी के गायेंगे। हम गीत खुशी के गायेंगे, मिलकर तुझे सुनायेंगे। कितना
Read Moreविषय_अच्छी आदतें मनुज देह पाकर भी मनुज धर्म अपना ना सकें, दुर्लभ मानव तन पाकर भी किंचित लाभ उठा ना
Read Moreकटनी मिशन चौक से चाडंक चौराहे की सड़क बनी नासूर स्थानीय वासियों ने किया चकाजाम : – परेशान जनता बैठी
Read More*भव्य आशुदोहा लेखन का आयोजन* सतना :- आज रविवार, दिनांक ४ जुलाई,२०२१ की शाम *शारदे काव्य संगम मंच* द्वारा जूम
Read Moreवो ओढ़े लाल लहंगा,माथे बिंदी लगाई है। आज मेरी बिटिया की,इस घर से विदाई है।। आंखों में है आंसू,चेहरे पर
Read Moreइससे न बोलो,ये न करो,वो न करो,भाई भी तो कह देता है, बहनों को समझने न वाला क्या भाई बहन
Read Moreकभी छिपकर जताया है कभी जताकर छिपाया है ये दर्द- ए – इश्क़ है प्यारे मलहम ना मिल पाया है
Read Moreआ गई हूं तुम्हारे पास ***************** अब न कोई उतना अपना लगे न उतना खास, जब से आ गई हूं
Read Moreकविता , नारी तेरे रूप अनेक , कभी तू अम्बर कभी धरा है कभी तू चंचल नदिया सी , कभी
Read Moreस्वर्णिम दर्पण हिंदी मासिक पत्रिका साहित्यकारों के लिए हो रही वरदान सावित स्वर्णिम दर्पण हिंदी मासिक पत्रिका देश के साहित्यकारों
Read Moreआ० सुधीर श्रीवास्तव जी के जन्म दिन पर *कुछ हट कर* अब घड़ी सुहानी आई है । सब के दिल
Read More“तुम मेरा मौन हो” तुम मेरा मौन हो, बताओ तो कौन हो। दिल की दहलीज पर दी दस्तक, नहीं पता
Read Moreलोक संस्कृति द्वारा कविता प्रतियोगिता का आयोजन लोक संस्कृति एक पंजीकृत सोसाइटी है जोकि साहित्य कला संस्कृति और समाज सेवा
Read Moreव्यंग्य (एक जुलाई) आज मेरा जन्मदिन है ****************** अच्छा है बुरा है फिर भी जन्मदिन तो है, मगर आप सब
Read Moreदिनांक-1-7-20. बिषय-लघुकथा मोबाइल में तितली। गोलू को उसके मम्मी-पापा ट्यूशन पढ़ने भेज ते थे।केजी में पढ़ने वाला गोलू अभी अ
Read Moreदोष किसका ?? वैवाहिक क्षण जीवन का सबसे सुखद क्षण माना जाता है। किन्तु चन्द लोगों द्वारा की गई
गीत” आँखों में सागर लहराए होठों पर मुस्कान खिली है! आत्म-कक्ष में भंडारे में दुख की बस सौगात मिली है!
Read Moreविधा – कहानी शीर्षक – पहली नज़र का प्यार ______________________________________ गरमी के दिनों में सप्ताहांत की एक शाम थी। तीन
Read Moreगीत- मन! 2122,2122, क्यों दुखी हो, अब यहाँ मन! यार सुन लो, जान कर मन!! ना भरोषा, कर किसी का!
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Read More(महेन्द्र सिंह राज की कलम से) साहित्यकार श्री सुधीर श्रीवास्तव ————————————— (जन्मदिन पर विशेष बधाई) सुधीर श्रीवास्तव नाम है जिनका,
Read Moreदो ऐसा आशीष माँ जयति जय माँ शारदे नमन हमसब आपको करते हैं। जीवन नैया का सफर सदा आपके आशीष
Read Moreविषय-कहानी । नारी किसी से कम नहीं। रीमा चार भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। पिता दीनानाथ किसान थे।रीमा इंजीनियरिंग
Read Moreविषय _पिता एक उम्मीद पिता देश ,परिवार ,समाज के लिए मिसाल है, जिसके ज्ञान की इमारतें खड़ी बेमिसाल हैं। पिता
Read Moreरहे सादा जीवन उच्च विचार। मिलता ही रहे सभी का प्यार।। शीतलता की ही छांव मिलेगी। तुम करो सदा अच्छा
Read Moreप्रभावती छन्द(प्रथम) पिंगल सूत्र- त भ स ज ग( 4-9) मापनी- 221 2,11 112 121 2 ———————————— 1- पाते सभी,सुख
Read Moreशीर्षक-बिखरते फूल बिखरते फूलों को मैंने मुस्काते देखा, सुरभित सुमन को गगन में उड़ जाते देखा। न शिकन न मोह
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भाभी !! ज़रा एक बात तो बताओ, ज़रा मेरी यह उलझन सुलझाओ, रिश्तों की डोर होती
बह्र- 21 22 1 22 122 122 12 ——————————————— इश्क़ की राह में जब हसीना बुलाने लगे। प्रेम की धूप
Read Moreबाबा मैं हूँ अंश तुम्हारी
बाबा मैं हूँ अंश तुम्हारी, मुझको न तुम मरने दो। सह लूँगी सारी तक़लीफ़ें, मुझको
शीर्षक = हुईहै वही जो राम रची राखा मै हूं किरायेदार यहां , नही ये मेरा मकान है। इस देह
Read Moreप्रभु पग धूल। चित्र आधारित सृजन। दिल के आकार की पर्वत श्रृंखला बहती मनोरम श्वेत दुग्ध जल धारा। पर्वतों पर
Read Moreगीत- बिरह बेदना! 14,12 मात्रा भार! आ गया सावन सुहाना, मीत ना हैं क्या करूँ! दिल हमारा भंग होता, प्रीत
Read Moreबिषय:-यूं तो हम सागर हैं पर मन से खारे नहीं। यूं तो हम सबके बहुत दुलारे है पर किसी को
Read Moreदामन : दिए का
एक लौ समर्पित है उस दिए को जिसने अपने दामन में थामा है। बड़ा ही धैर्यवान
कह नहीं पाऊँगा। तुम्हारी मोहब्बत को कह नहीं पाऊँगा। तुम्हारी यादों का बोझा यूं उठा नही पाऊँगा । कोई शिकवा
Read More*सत्य कड़वा होता है* परमार्थ कर ईश को भज, न जग के बंधन में फस। जीवन घट स्वासा कितनी है,
Read Moreजाने क्या हुआ है यारों, नींद नही आती रातों में। कोई तो अपना है शायद, जगा गया जो ख्वाबों में।
Read More*यादें पुरानी* _________________________ आओ मुझको गले लगा लो, मेरे प्यारे मीत।यादों की लहरों में बह जाएं, और गाएं मीठे वाले
*योग दिवस के उपलक्ष्य पर काव्य गोष्ठी का आयोजन* जयपुर- 21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस एवम संगीत
Read Moreराष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच द्वारा अखिल भारतीय संगीत -योग काव्य-संगीत का आयोजन कानपुर 21 जून,2021,राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच
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Read More सबसे पहले साहित्य के गुरु जनक बिलासपुर छत्तीसगढ़ के माननीय फिल्म अभिनेता व लेखक श्री सुनिल दत्त मिश्रा सर
*पिता और बेटी* पिता अपनी बेटी को सबसे ज्यादा स्नेह करता है। पर हमारे समाज में घटिया मानवी सोच के
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Read Moreभ्रष्टाचार का भूत। ताटक छंद। विधान-16-14 चरणान्त तीन गुरु चार चरण। भ्रष्टाचार का भूत सवार, कब तक देखते आयेंगे। शासन
Read Moreपटल को नमन ( यह छंद लेखन का प्रथम प्रयास) विधा-ताटक छंद विषय-भ्रष्टाचार आज देख चारों ओर बढ़ा, अर्थ का
Read Moreप्रभु पग धूल पटल दिनांक 7/06/2021 विषय-घटते रोजगार बढ़ती युवाओं की भीड़ परिणाम- प्रथम-आ राम जी दुबे/आ शैलेंद्र पयासी द्वितीय-आ
Read More*आज के आधुनिक युग में बेरोजगारी की समस्या* आज के समय आम आदमी की जीने में बाधक सबसे बड़ी समस्या
Read More“प्रभु पग धूल पटल” _________________________ विषय:- “घटते रोजगार बढ़ती युवाओं की भीड़” ————————————— बेरोजगारी किसी भी देश के विकास में
Read More“प्रभु पग धूल पटल” “””””””””””””””””::::””””” विषय :— ” घटते रोजगार बढ़ती युवाओं की भीड़ ” —————————————- नित्य प्रति शिक्षा ,
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तंबाकू का प्रभाव हमारे जीवन पर हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। हमारे देश
Read More” प्रभु पग धूल पटल “””” “””””””””””””””””””””” बुधवार – छंद प्रतियोगिता परिणाम “लावणी छंद” सृजन शब्द – “बेरोजगारी” “””””””””””””””””””::::”””””””””””””””””””” प्रथम–
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Read More” प्रभु पग धूल पटल ” “”””””””””””””””””””””””” बुधवार – छंद प्रतियोगिता “लावणी छंद” सृजन शब्द – “बेरोजगारी” “””””””””””””””””””::::”””””””””””””””””””” बेरोजगारी महामारी
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Read Moreगीत इसका हिस्सा उसका हिस्सा, इसमें हिस्सा किसका किसका। इनका हिस्सा उनका हिस्सा, इसमें हिस्सा इसका उसका।। 1- डांका डाल
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Read Moreविधा-मुक्तक विषय-माँ माता होती है ममता का भंडार, माता से ही बसता है यह संसार, मां का पूजन करो सब
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Read Moreसरसी छंद पर आधारित 16-11 अंत 21 जोगीरा सारा रारा रा विषय-श्री माँ शैल पुत्री जी —————————— आता जो दर
Read Moreसार छंद आधारित भक्ति गीत —————————- पद रज दीजे मेरी माता, तुम से गहरा नाता। निसदिन गाके गीत तुम्हारे ,
Read Moreशिखरिणी छंद 17 वर्ण मापनी-122 222, 111 112 211 12 पिंगल सूत्र-(य म न स भ ल ग) ————————————- 1-
Read Moreशारदे काव्य संगम मंच सतना मध्यप्रदेश गीत ( सम्मानपत्र ) वितरण दिनांक- 13-4-2021 समय- 9:00 रात्रि में ___________________ दिनांक /
Read Moreताटंक छन्द आधारित गीत ——————————- मूरख कर में डोर हिन्द की, सुरा देश बिकवाता है। विद्या मंदिर बंद पड़े हैं,
Read Moreगीत आल्हा वीर छन्द पर आधारित 16-15 चुम्बक जैसे मेरे ईश्वर, खेंच रहे हैं अपने द्वार। मानव चलें दिशा जो
Read Moreछवि छंद(मापनी युक्त) 8 मात्रा अंत 121 1- सज्जन विचार। हरि गुण हजार।। दुर्गुण समार। रघुवर हमार।। 2- दिल दुख
Read Moreअनुगीतिका (लावड़ी छन्द पर आधारित) ——————————- चमक रही है प्रेम पुजारिन, जैसे मनहर हीरा है। महक रही है जगमें ऐसे,
Read Moreवातायमा छंद(मापनी युक्त मात्रिक) 16 मात्रा मापनी- 221 12 22 2 2 1- मैं आज दुआएँ देता हूँ। मैं शोक
Read Moreरजनी छंद(मापनी युक्त) मापनी- 2122 2122 21 22 2 —————————– 1- रूप न्यारा चाँद का प्यारा नजारा है। रात है
Read Moreसारस छंद आधारित गीत मापनी- 2112 2112, 2112 2112 ———————- सूख रही है धरनी, पीर बड़ी है दिल की। शोक
Read Moreमाहिया (12-12-12) (पंजाब की लोक प्रचलित विधा) 1- बाजी वंशी प्यारी। राधा दौडीं आतीं।। सूरत जिनकी न्यारी।।। 2- नीली नीली
Read Moreविद्याधारी छंद 12 वर्ण मापनी-222 222, 222 222 पिंगल सूत्र- म म म म ————————— 1- तेरी है माँ आशा,
Read Moreसारस छंद 24 मात्रा मापनी युक्त मात्रिक मापनी- 2112 2112, 2112 2112 ———————- 1- ये कर्मों के फल हैं, आज
Read Moreताटंक छंद पर आधारित गीत —————————— सेवा जो करते मालिक की, वे मालिक बन जाते हैं। आज्ञा जो मानें ईश्वर
Read Moreसार छंद 1- दंगल देख चुनावी जारी, करते विनती भारी। हाथ जोड़ के वोट मांगते, पैर पड़ें की वारी।। बोले
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Read Moreदेश के युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत शान युवा चिंतक लेखक विक्रम चौरसिया विक्रम क्रांतिकारी देश को आज जरूरत है विक्रम
Read Moreकामनी मोहन छंद आधारित गीतिका काव्य (212 212 212 212) ———————————- नैन पानी भरा है नहीं चैन में। शोक देखो
Read Moreविचार ———– कोरोना का कहर और हमारी जिम्मेदारी- —————————————————– कोरोना के बढ़ते कहर ने पूरे विश्वस्तर पर जनमानस को झकझोर
Read Moreविचार- मेरी कलम से ———- गर्मियों में पशु-पक्षियों के लिए दाना पानी रखें *********************************** बेजुबानों की के प्रति दया भाव
Read More*प्रभु पग धूल पटल पर बहे भक्ति के रस* प्रभु पग धूल पटल पर 4 अप्रैल 21 को बहुत ही
Read Moreशालिनी छंद आधारित गीतिका काव्य
(222 221 221 22) 1- आओ मेरे पास प्यारे विहारी। कान्हा मेरे खास न्यारे मुरारी।।
हरि ॐ
ताटंक छंद
1- काल रूप गाड़ी में बैठा, आगे बढ़ता जाता हूँ। आगे पावक कुंड लखा है, चैन
ताटंक छंद
विषय – कलम सुरा और सरकार 1- कलम पापियों के हाथों में, सिसक सिसक कर रोती है। नारी
—विपुला — परिचय — अष्टाक्षरावृति गण संयोजन —- भरलल ( 211-212 -1-1) 1- राम रहो सदा मन। आन बसो
Read Moreमणिमाला छंद
विधान~ [भगण भगण भगण भगण भगण सगण] (211 211 211 21 1 211 112 ) 18 वर्ण ,11,7
कुंडलिया
सृजन शब्द-इच्छा 1- होवै इच्छा आज मन,धर्म राह अपनाय। देवें दर्शन राम जी,हृदय दया दिखलाय।। हृदय दया दिखलाय,राम गुण
गजल
आज एक तामीर करना चाहता हूँ। मैं ग़ज़ल तस्वीर करना चाहता हूँ।। तेज पवन देखो कहर ढाए हुई
*रावतभाटा वासियों द्वारा ‘बदलाव मंच’ अध्यक्षा रूपा व्यास को किया गया सम्मानित* दिनांक-19 मार्च,2021,राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ‘बदलाव मंच’ संस्थापक सह
Read Moreराष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच पूर्वी भारत इकाई द्वारा आयोजित मुक्तक प्रतियोगिता सम्पन्न : झारखंड : राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच पूर्वी भारत इकाई
Read Moreसार छंद
1- खोलो आज द्वार तुम माता, मेरे मनको भाता। भजन तुम्हारे सब मिल गाते, जोड़ो सुत से नाता।।
छप्पय छंद
सृजन शब्द,-शुचिता 1- गंगा की जल धार,भरी है शुचिता भारी। हो जाता भव पार, हरे माँ विपदा सारी।।
छंद – सगुण मापनी – 122 122 122 121 1- भरो प्रभु उमंगें खिलें फूल मान। हृदय में मुरारी भरें
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Read Moreछंद -सगुण पर आधारित गीत
(122 122 122 121)
भक्ति गीत
सुनो श्याम मेरे करो मत निराश। हरो पीर
सार छंद
विषय-होली 1- होली खेलो मेरे भाई, मेरे मनको भाई। सीमा पर जाके डट जाना, कसम हिन्द की खाई।।
गीत
(16-14) विषय-गंगा
गंगा पावन करे सभी को, इसको पावन कौन करे। गंगा धोती पाप सभी के, अबतो गंगा
छप्पय छंद
विषय-गंगा 1- अविरल बहती देख, जगत में गंगा धारा। जग में बढ़ता पाप, गर्म है पापी पारा।। धोती
दोहा- विषय-माँ गंगा 1- गंगा माँ की धार से, होता पाप विनाश। गंगा के तट आइए, करतीं नहीं निराश।। 2-
Read More*लेखिका व शिक्षिका रूपा व्यास ने एक बार फिर बढ़ाया देश-विदेश में रावतभाटा का मान* (रूपा को दिल्ली में प्राप्त
Read Moreकवि- शिक्षक दीपक क्रांति को दुबारा मिला दलित साहित्य अकादेमी अवॉर्ड,2021 गुमला:- दिनांक 13-14 मार्च 2021 को गुमला तेलगाव के
Read Moreप्रभु पग धूल। विषय-चित्र चिंतन। चित्र आधारित वर्णनात्मक शैली। हर हर गंगे जय जय गंगे। गंगोत्री से निकल कर कहाँ
Read Moreमुक्तक जग को अमरत्व दान करता गंगा का पानी है, यह भारत की सभ्यता अरु संस्कृति की निशानी है। माँ
Read Moreताटंक छन्द पर आधारित गीत
विषय-गाय की दीन दशा
भूखी माता सुरभी फिरतीं, धीरज मन ऐ खोता है। देखो
वल्लकी छंद
(212 211 121 2, 21 221 221 2 ) 1- है बड़ी सोच उर में भरी, पाप गंगा
दोहे- माता मेरी शारदा, दीजे अद्भुद ज्ञान। चमकें सूरज चाँद से, लेवें अचरज मान।। सृजन शब्द-गुरु 1- गुरुवर भोले
गीत
शुभ होली×4 स+भ+त,+य+स+गुरु (1122 1122, 11 22 1122)
तन में रंग समाए, मन में रंग सजाए। रण में
हरि गीतिका छंद
112 12 112 12, 112 12 112 12 विषय-होलिका दहन 1- जलने लगी लख होलिका, प्रहलाद जी
भजन गीत खाटू श्याम जी का (222 122 2 222 122 2) खाटू जी हमारे हैं, खाटू जी सहारे
सार छंद
सृजन-होली 1- होली आई प्यारी प्यारी, ले लो कर पिचकारी। छाई छटा बसंती देखो, आए हैं मनहारी।। बरस
सत्य लघुकथा
शीर्षक- शराब एक श्राप #राठ हमीरपुर हिंदुस्तान के उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद के राठ क्षेत्र में धनौरी
शक्ति छंद 122 122 122 12 18 मात्रा नेह निमंत्रण सजाओ हमारे घरों को प्रभो, उजाले बिखेरो पधारों प्रभो, लुटा
Read Moreमनहरण घनाक्षरी
विषय- (प्रार्थना माँ की) 1- स्वर में समाने वालीं,सुख बरसाने वालीं, उर हरसाने वाली,हंस पै बिराजतीं। तन में
तर्ज- दिल है हमारा जो आहें न भरता- विषय-बिना वीर्य के पुत्र कीर्तन गीत
जग में गजब हैं विधि
चन्द्रावर्त्ता छन्द
विधान- [नगण नगण नगण नगण सगण] (111 111 111 111 112) 4 चरण,दो-दो चरण समतुकांत।
1- प्रभु
मंगलमंगना छंद
विधान~ [ नगण भगण जगण जगण जगण गुरु] (111 211 121 121 121 2) 16वर्ण,4 चरण, {4,12वर्णों पर
लालच सत्य लघु कथा
#महोबा चर्चित इन्द्रकांत त्रिपाठी हत्या कांड
हिंदुस्तान के उत्तर प्रदेश में एक मशहूर शहर है
*पैसा* पैसा सब कुछ नही लेकिन आजके, जमाने मे देखा जाए तो सब कुछ है। अगर आप उतने अमीर, है
Read Moreशक्ति छंद पर अवध में उदासी रहे रात दिन। लखन राम सीता कृपा सिंधु बिन।। बुरा कैकई को कहें लोग
Read Moreमृत्य…. ****************** हमकों भी एक दिन वहीं पर जाना है फिर लौट कर वहाँ से नहीं आना है ये मृत्यु
Read More *माँ शारदे को नमन*
दिनांक – 13/03/2021 दिन — शनिवार विधा – कुंडलिया विषय –
*गंगा*
आज का छंद — सांद्रपद —– परिचय—- एकादशरावृत्ति गण संयोजन —-भ त न ग ल विन्यास 211-221-111-21 तू करुणा को
Read Moreमकरन्द छंद
(111122,111122, 11111111,111122) विषय- रघुवर महिमा 1- रघुवर मेरे,हम जन तेरे, सब दुख हर कर,सुखमय कीजे। तन मन मेरा,सब
गुलाब की पंखुड़ियाँ- 156
उलझन करती सामना , सुलझाती खुद झोंक | ममता की मूरत बनी ,पालन करती
दोहा मुक्तक
विषय-होली रंग 1- रंग बिरंगे रंग हैं, छाए सबके अंग। रंग गुलाबी शान है, सबसे प्यारा रंग ।।
बह्र पर आधारित गीत
(122 122 122 122)
उड़ें रंग न्यारे नशे हैं गुलाबी। सभी रंग लेके करे हैं
*सच्ची सेवा—भावना* एक संत ने एक विश्व-विद्यालय आरंभ किया। इस विद्यालय का प्रमुख उद्देश्य था ऐसे संस्कारी युवक-युवतियों का निर्माण
Read Moreप्यार प्रीति वह संजीवनी जिससे सुख पाए संसार इससे बड़ा नहीं गुण कोई इससे बड़ा नहीं आधार प्रेम से मिले
Read Moreलघु कथा “तमाचा” आज दहेज पृथा के विषम दौर में जब अर्थ के समक्ष मानवता मानवीय, संवेदनायें, रिश्ते, भाई चारा
Read More*मतलब* *************** मतलब की इस दुनियाँ के जब रंग देखे मैने हजार । सर थाम के बैठा तब से और
Read Moreराष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) ने अपना 36वां स्थापना दिवस मनाया राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने आज अपना 36वां स्थापना
Read Moreमाँ शारदे को नमन*
दिनांक 11/03/2021 दिन – गुरुवार विषय – *मालिक*
एक रंग है लाल लहू का,
महाशिवरात्रि…. ****************** शिव शंकर~ कण-कण में व्याप्त भोले शंकर • सीधे सरल~ दुनिया के ख़ातिर पीया गरल • मन को
Read Moreगीत
(15-14)
फूटी है किस्मत हमारी, टपकें आँखन सें पानी। गौरा की चिंता सताती, गाथा बाबा की जानी।। 1-
भोलेनाथ प्रभु की जो मिल जाए पग धूल, सच मानो सारे कष्ट मिटे चाहे हो कोई भी भूल। निज
Read More,,,,,,रूठा किनारा मिला ,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, सबको जिसका सहारा मिला । आज वो बेसहारा मिला ।। ………………………………. जीत ली मौत से
Read Moreकुंडलिया
विषय-शिव महिमा 1- आओ भोले नाथ जी, डोलो मेरे साथ। सब कुछ तेरे हाथ है, मैं भी तेरे हाथ।।
*शिव* भोले बाबा तेरा रूप बड़ा निराला। ऊँचे कैलाश पर्वत पर बिराज ता। हाथ मे लिए त्रिशूल, और डमरू तू,
Read Moreजय जय महादेव हे देवन के देव महादेव हे परम पूज्य महादेव हे भोले बाबा महादेव चरणन में स्थान दो
Read Moreसभी को महाशिव रात्रि की शुभ कामनाएं सगुण छंद 122 122 122 121 महादेव गंगा सजे शीश चन्द्र खड़े
*माँ शारदे को नमन*
दिनांक – 11/03/2021 दिन — गुरुवार विधा –
*कुंडलिया छंद*
विषय –
*विधा – जयकारी / चौपई छंद* *15 मात्रा* *मापनी- 222 222 21* *सुंदर भाव*
करना नित तुम सुंदर
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच के दीपक क्रांति व रूपा व्यास “इंडियन एक्सीलेन्स अवॉर्ड-2021” से होंगे अलंकृत झारखण्ड/राजस्थान,07-03-21 विलक्षता एक
Read Moreसभी मित्रों को महाशिवरात्रि की हार्दिक बधाई,जय भोलेनाथ ◆शिव-वंदन◆ *किरीट सवैया* में…………. शिल्प~8 भगण(211×8) कुल 24 वर्ण हे गिरजापति श्री
देवादिदेव महादेव……. देवादिदेव महादेव,न देखा कोई तुम जैसा अवढर दानी आक धतूरे से ही रीझने वाले तेरी नहीं कोई जग
Read Moreताटंक छंदाधारित गीत
(16-14) विषय–सुरा
राजा चाहे स्वर्ण खजाना, क्या तूने मन ठाना है। देखो मिटता हिन्द हमारा, सुरा
शिव महिमा दोहे- परहित में जो रत रहें, किया हलाहल पान। संकट सबके झेलते, शंकर सरल सुजान।। औघड़दानी होत खुश,
Read Moreदोहे महिमा भोले भोले भक्त हैं, भोले हैं भगवान। भोलेपन से कीजिए , भोले का नित ध्यान। द्वारे दीनानाथ के,
Read More *माँ शारदे को नमन*
दिनांक – 10/03/2021 दिन — बुधवार विधा – दोहा विषय –
*शिव महिमा*
दोहा पंचक
विषय-शिव महिमा 1- शम्भु जगत के सार हैं, शिव ही पालन हार। आए तेरे द्वार पै, हरलो भारी
शिव महिमा पर दोहे आशुतोष औघड़ बने,बाबा भोलेनाथ । विनती गिरिजापति करूँ,मुझको करो सनाथ।। चरण शरण प्रभु जी पड़ा,दीनबंधु दो
Read Moreडमक डमक डमरू बजे, छेडें ऐसी तान। रुह मुर्दे में फूंकते, शिव शम्भू भगवान।। राजन
Read Moreगीता छंद नारी प्रेम थाती भाव वाली , मोदिनी है हाव भाव। प्यार देती मोह लेती, पावनी है नेह छाँव।
Read More*तुम्हारे लिए* *************** जब भी खुले आंख मेरी भोर में रब से मांगी दुआ है तुम्हारे लिए। प्यार करती हूं
Read More“स्त्री” सागर से भी गहरा होता है स्त्री का सब्र जो रौंदता है कौंधता है मसल कर फेंक देता है
Read Moreमनहरण घानाक्षरी
(ग्रह शान्ति में उपयोगी) बुध- बुध ग्रह कृपा कर,धंधे बड़े सभी कर, सद ज्ञान उर भर,आप से ही
गीत
15-12
पलकों में सपने सँजोये। आस मन पलती रही।। नयनों को हम हैं भिगोए। आग तन जलती रही।।
◆ कलाधर छंद ◆ विधान—गुरु लघु की पंद्रह आवृति और एक गुरु। अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु। इस प्रकार
Read Moreसार छंद
1- भोले नाग हार तन धारें, बैठे आसन मारें। गौरा माता साथ विराजीं, भक्त जनों को तारें।। नृत्य
*बदलेंगे तस्वीर बेसिक शिक्षा की* बदलेंगे तस्वीर बेसिक शिक्षा की, मन मे यह विचार C है। जान समझ नव विचारों
Read More◆ कलाधर छंद ◆ विधान—गुरु लघु की पंद्रह आवृति और एक गुरु। अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु। इस प्रकार
Read Moreआज के विषय पर हाकलि छंद मोर का सौंदर्य देखा, गर्दन थी नीली रेखा, नृत्य सबको खूब भाये, पल में
Read More।।मयुर।। ******************* शीत हवाये~ मोर नाचता देख काली घटाये • रवि उदित ~ मनमोहक नृत्य मन मुदित • सुहानी भोर~
Read More*मयूर पंख* तेरा राज सर, ताज पर। कभी तुझे, किताबों के, बीच संभाल कर रखता। अपने अंदर तूने ऊतारा। नीला
Read Moreमनहरण घनाक्षरी
सूर्य-
लाल तेरे अंग हैं,संग में सप्त रंग हैं, गजब देखो ढंग हैं,नभ दिनकर हैं। तेज रवि
गीत
विषय-होली
गौरा आओ खेलें होली, खेलें किशन कन्हैया। बोलो प्यारी मीठी बोली, बोलें किशन कन्हैया।। 1- राधा प्यारीं
सार छंद
विषय-होली 1- होली खेल रहे गिरधारी, राधा पड़तीं भारी। हाथ कन्हैया ले पिचकारी, झटकी श्यामा सारी।। रंग गुलाल
उल्लाला छंद
(विषम चरणी) 1- अब वं वं भोले बोलना। आज सुहानी रात है।। झट त्रिपुरारी पट खोलना। भक्त हृदय
*नारी* नारी तू है सरस्वती, तू ही दुर्गा। तू है पार्वती, तू ही सीता। तेरे, कई रूप काली दुर्गा तेरे
Read Moreविषय:-नारी का नारित्व नारी है एक शक्ति इसको तुम अबला अबला समझो मत। है सृष्टि का आधार, इसे कभी तुच्छ
Read Moreअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति को समर्पित मेरी कुछ पंक्तियां _________________________ समूह- प्रभु पग धूल दिन- सोमवार दिनांक-8-3-2021 विधा-
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर समस्त महिलाओं को समर्पित है मेरी ये रचना । *सूर्य की पहली किरण का तेज हो
Read Moreनारी…. ******************* सब पे भारी~ नारी तू जीवन में कभी न हारी • दर्द सहती~ नारी किसी से कुछ नही
Read Moreनारी तू नारायणी तु ही हे सृष्टि की कला है तुमसे ही संसार चला है कभी राखी से तुम बहन
Read More *माँ शारदे को नमन*
दिनांक – 08/03/2021 दिन – सोमवार विधा – दोहा विषय –
*महिला दिवस
. कविता महिला दिवस पर विषेश “माँ” माँ तो बस माँ है ममता का सागर है वात्सल्य का आसमां है
Read Moreदोहा- नारी! नारी है नारायणी, दुर्गा का अवतार! सृजनी पालक वह बनी, करे दुष्ट संहार!! 1!! चंदन काजल दोउ है,
Read Moreमहिला दिवस पर छ्न्द द्वारा हार्दिक शुभकामनाऐं नारी के हैं नव रूप हर रूप है महान एक रूप नारियों का
Read More*मैं नारी नदी सी, मेरे दो किनारे* मै नारी नदी सी मेरे दो किनारे। *एक किनारे ससुराल, दूजी ओर
केवल आज के ही दिन दो शब्द लिखकर महिला सम्मान का कोटा पूरा हो जायेगा फिर वर्ष पर्यंत तक यह
Read Moreफागुन महीना देख के मन में उठें उछंग हिलमिल खेलें होली डालें कान्हा पै रंग जन्मजन्मांतर का सुफल मिल जायेगा
Read More* नारी शक्ति “”””””””””””””””” ज्वालामुखी सी दहकती हूँ ब्रम्हांड के सारे दुखों को खुद में समाहित करती हूँ आँसूओ के
Read More*अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम के तहत* दिनांक-8/3/21 *स्त्री… * जी हाँ, कायनात की श्रेष्ठतम कृति, विधाता की
भक्ति भजन करिए सभी, भीम करें कल्याण। कृपा सदा उनकी मिले, शीतल रहते प्राण।। ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Read More गुलाब की पंखुड़ियाँ- 151
कितनी बातें अनकही, मन में बसा मलाल | मन ही मन सबको गुना, समझा
*माँ शारदे को नमन*
दिनांक – 08/03/2021 दिन – सोमवार विषय –
*नारी*
एक घर
जिन्दगी
देह से साँस की मेल है जिन्दगी l ये न समझो हँसी खेल है जिन्दगी ll है कभी
*विधा- शुद्ध गीता छंद* *मापनी-* *2122 -2122 , – 2122 -2121* *नारी*
****** *प्रेम भावी शुद्ध नारी ,* *मोहनी
ताटंक छंद
विषय– नारी रक्षा छंद बाण 1- अलख प्रभा हम तुम्हें पुकारें, जल्दी दौड़ी आओ माँ। चंडी माँ की
तर्ज- पिया ऐसो जिया में समाय गयो– गीत
विषय—-नारी सदा नारी सृष्टि में महान रही है। सारी दुनियाँ की जानी
शक्ति छंद विधान
(१८ मात्रिक छंद) १,६,११,१६ वीं मात्रा लघु हो। दो दो चरण समतुकांत हो। चार चरण का एक
सार छंद
विषय-नारी 1- माता दिलमें सोच सचारो, कन्या को मत मारो। नारी को जग जान जान लो, बेबस नहीं
हर बार महिला दिवस पर हम महिलाओं के सम्मान की, उनकी तरक्की की और उनके द्वारा हासिल किए गए पुरस्कारों
Read Moreनारी….. —————————– नारी होती महान उसके चरणों में होता सारा जहान • नारी की सूरत त्याग प्रेम समर्पण की होती
Read Moreमधु मालती छंद 2212 2212 नारी बड़ी महान नारी कहे जीना नहीं, आहों भरी चाहे रही, पूजी गयी ,देवी बनी,
Read Moreनर और नारी एक समान अदभुत रचना रची भगवान दोनो है एक गाडी़ के दो पहिये एक रुका तो पग
Read Moreछंद मुक्त – कविता! बिषय- मेरी सासु रुलाये आँसू! अनपढ़ मेरी सासु बहुत है, नहीं जानती क्या तो मैं हूँ!
Read Moreगीत कैसे कैसे लोग और कैसे कैसे काम। मच्छर को मलेरिया मेंढक को जुकाम। 1- करेंगे वह सैनिकों का होसला
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Read Moreवो फिर कश्ती की तरह ‘घिर गई सम्मान शब्दो के तुफान मे! जो रोज गालियाँ देते रहे उसे ‘वो कमबक्त
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Read Moreहे अबला हे औरत हे नारी हे दिव्य शक्ति, हे अजेय शक्ति हे जग माता , तू आदि शक्ति अवतारी
Read Moreजब मिले हम …………. जब मिले हम सांवरे से तकदीर ही बदल गई माधव मेरे घर की सूरत और तस्वीर
Read Moreशालिनी छंद आधारित गीत
(222 221 221 22)
तू है मेरा प्यार तू चैन लाना। तू है मेरा यार
चामर छंद मुक्तक
(212-121-212-121-212)
1- पाप टाल काल टाल टाल दो बुरी वला। राम लाल वेग आन आप
दोहा मुक्तक
सृजन शब्द- अनुमान
1- मान सत्य अनुमान है, ईश्वर जग की डोर। ईश्वर काली रात हैं, ईश्वर
पीयूष वर्ष छंद —- मापनी —- 2122-2122-212 परिचय — 19 मात्रा , 3 ,10, 17वीं मात्रा लघु अनिवार्य सृजन शब्द
Read Moreक्या लिखूँ
मैं जीत लिखूँ या हार लिखूँ l मैं प्यार लिखूँ, तकरार लिखूँ ll मैं लिखूँ मरुस्थल, नागफनी
*माँ शारदे को नमन*
*स्वतंत्र काव्य सृजन दिवस* दिनांक- 07/03/2021 दिन — रविवार विषय –
*पर्यावरण*
पुष्प सवैया 221 221 221 221 , 221 221 221 221 12 साकार हो जाय ख्वाबों भरी राह, वाचाल हो
Read More*म्हारा हरियाणा मंच पर हुआ भव्य कवि सम्मेलन* साहित्यिक पटल म्हारा हरियाणा पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भव्य
Read More चलो मुहब्बत की नयी #बुनियाद रखते है खुद पाबन्द रहते है, तुम्हें आजाद करते है हमारे खून में ईश्वर
*समर्पण* समर्पित तो कर दिया एक रूह ने अपना सब कुछ, जहां बस स्वार्थ की पुरवाई बहती रही ! यह
Read Moreविधा:-मुक्तक *मोबाइल* खतों का इंतजारअब सपना हो गया, उलझनों का हल मोबाइल अपना हो गया, आज मोबाइल जीवन मे इस
Read Moreवो अडिग हो कर रुकावटें पैदा कर रही है, लगता है जीवन की गति देख वो घबरा रही है !
Read More*लड़का लड़की एक समान* नारी होती नर की संगिनी, रखती सदा नर का ध्यान। होते एक दूजे के पूरक दोनों,
Read Moreहे दिव्य शक्ति, हे अजेय शक्ति हे जग माता , तू आदि शक्ति अवतारी है हे जग जननी हे, हे
Read Moreकविता – अतुकांत! बिषय- तेरे ही सपनें आते हैं! तेरे ही सपनें आतें हैं, जीवन में खुशियाँ पातें हैं! तेरा
Read Moreउदगार बेटी के……… मैं बन करके फुलबारी बाबुल आंगन को महकाऊंगी सोनचिड़ी बनके बाबुल की कोना कोना चहकाऊंगी हारे थके
Read Moreडार मोहिनी हर लीन्हों मन तुमने रासबिहारी तन मन जीवन सब अर्पित गोवर्धन गिरिधारी सुत कंतहु नीके न लागें जब
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करते बच्चे पालना, बने पुत्र हैवान | है मकान खामोश अब, लाचारी हैरान | लाचारी
शिव भजन
हे कैलाशी, हे अविनाशी l हे करुणाकर, घट घट वासी ll सुनलो भक्त – पुकार l करूँ
कविता “बेटा अब बडा़ हो गया” बेटा अब बडा़ हो गया अपने पैरों पर खडा़ हो गया अम्मी को ये
Read Moreशालिनी छंद मुक्तक भोलेनाथ स्तुति भोला मेरा,रोज मोहे बुलाता। गाऊ मीठा,गीत नेहा जगाता। पूजा होती,देख साकार पाते। गौरा भोली, ,देख
Read Moreकविता “बेटा अब बडा़ हो गया” बेटा अब बडा़ हो गया अपने पैरों पर खडा़ हो गया अम्मी को ये
Read More*हम हैं राही प्यार के* ********************* हम हैं राही प्यार के दिल से दिल मिलाइए। आएं ना पसन्द तो
Read Moreतर्ज- कोयलिया गाती है विषय- शक्ति पीठ उत्त्पत्ति गीत
पशुपति मन घबराते हैं। सबका दिल दहलाते हैं। यज्ञ दक्ष
ताटंक छंद आधारित मुक्तक विषय-शिव महिमा 1- पशुपति की महिमा है भारी, महा देव कहलाते हैं। नील कंठ की लीला
Read Moreकुंडलिया
विषय-शिव रात्रि 1- भोले की शिव रात है, सोम नाथ दिल धार। आन हरें शिव पाप को, हरते भू
त्रिभंगी छंद
(10-8-8-6) (रोग विष ग्रह प्रभाव नष्ट करने में उपयोगी) 1- शिव तुम्हें बुलाते,ध्यान लगाते, शीश झुकाते,विषहारी।। शंकर जी
,,,,,,,,,,,गम की है कहानी ,,,,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कहीँ दासताँ खुशी की कहीं गम की है कहानी कहीं तिश्नगी लबों पे कहीं
Read Moreकुमारी छंद 111 121 211 121 2 2 सजन सुनाय गीत, मुझको लुभाई। झलक दिखाय मीत, दिल में समाई। पलक
Read Moreवासन्ती मधुमास नेह निमंत्रण अतुकांत,,, देहमनप्राण बहके लहके अंग अंग कली चटकी यौवन अठखेलियाँ पुकारे ,,तुझे,, सनम। भीगी भीगी सी
Read Moreगीत लिया जग जीत सुनो दिल जान, तुझे रब मान, सुधि बिसराय, कहूँ मन प्रीत, लिया जग जीत। समीप बुलाय,
Read Moreनवगीत! घर आँगन में गूंँज रही है, नन्ही बेटी की किलकारी!! टेक!! आयी घर में देख लक्ष्मी, आँगन मेरा होबे
Read Moreप्रसिद्ध चिंतक , लेखक व सामाजिक कार्यकर्त्ता विक्रम चौरसिया ” युवा प्रतिभा रत्न अवार्ड 2021 ” ( पहले स्थान पर
Read Moreलौकिक न तुम परा अपरा…. सागर सी गहराई हिय की दुनिया जिसके आँचल में ममता समता की नदियां बहती हैं
Read Moreतंत्री छंद
(8-8-6-10) (जग कल्याणार्थ) 1- नरसिंह जगें,भरें हुंकार, आके जग,पापी को मारें। प्रहलाद भक्त,हुए खुशहाल, दुख हारी, दानव को
तर्ज- तुमसे बना मेरा जीवन सुन्दर सपन सलोना कीर्तन गीत
विषय-अमर कथा
शिव से कहें माँ जी आकर, कहना
जन हरण घनाक्षरी
8-8-8-7 (30 वर्ण लघु अंत गुरु से) 1- कण कण हरि लख,गुरु गुण फल चख, तन मन
◆ रसाल छंद ◆ विशेषता- अधर (होंठ स्पर्श रहित) विधान~ (211 111 121, 211 121 121 1) 1- शंकर सुख
Read Moreरचनाओ हेतु आमंत्रण सामयिक परिवेश हिन्दी पत्रिका अप्रवासी भारतीय विशेषांक सामयिक परिवेश हिन्दी पत्रिका के अप्रवासी भारतीय विशेषांक के प्रकाशन
Read Moreआज बलिदान दिवस है शौर्य वीर चंद्रशेखर आजाद का । वीर क्रांतिकारी था आजाद था । काकोरी काण्ड में जिसने।
Read Moreवीर छंद आल्हा
1- थाम लिया कर आज तिरंगा, करते हैं हम इससे प्यार। जो भी वार करेगा इस पर,
तर्ज- मिले मन से ऐ मन– (माँ वाणी के पद पंकज में समर्पित) गीत
खिले गुल से ऐ दिल।
गीत
(16-14)
सागर है ममता का अंदर, भीगीं भीगीं आँखें हैं। माँ का दिल है सबसे सुंदर, आसमान सीं
सार छंद
सृजन शब्द-कोयल 1- कोयल बोल रही है डाली, प्यारी काली काली। राधा बोली सुनो श्याम जी, बनो बाग
छप्पय छंद
1-
माँ की महिमा जान,मात को शीश नवावै। माँ को उर में मान,मात को हृदय बसावै।। माँ
गीत
विषय-बसंत 16-14
आई है बसंत ऋतु प्यारी, झूम रही डाली डाली। प्रीतम याद भरी मेरे मन, झूम रही
गीत
(16-16)
जीवन साथी मेरे तुम हो। सात जन्म का साथ हमारा।। छोड़ न देना किसी मोड़ पर। साथ
लावड़ी छंद
विषय-नारी
नारी को मैं शीश झुकाता, नारी से जग सजता है। नारी की जग शान सजाना, नारी
तर्ज- सावन आया वादल छाए- राष्ट्रीय गीत
भारत मेरा सबसे प्यारा। तिरंगा लहरे चैन मिले।। चाहे रण में तन
उल्लाला मुक्तक
आके रखना लाज माँ, गोदी हमको पालना। दीपक जग मग ज्ञान हो, माता हम हैं लालना।। वाणी
तर्ज- नैनन में बसे हमार—- गीत
(11-9) विषय-धनुष यज्ञ
वेवश लगते वीर, पसीना डारें। दिल में नइयाँ जोर, पसीना
तर्ज- कितना हसीन चेहरा– राष्ट्रीय गीत
ऊँचा लहरे तिरंगा, बहती देश में गंगा। बहती देश में गंगा, भारत का
गुरु गोबिंद
उल्लाला विषम चरणी
श्री गुरु गोविंद महान हैं। अनुपम उनके ज्ञान हैं।। गुरुवर सुखमय वरदान हैं। गुरुवर
तर्ज- दिल के अरमा आसुओं में— राष्ट्रीय गीत
रणमें लड़ते लाल माँ झुकते नहीं। लगते रण में काल वो
कुंडलियां- पावक
पावक से बचकर रहो,पावक तेज अपार। पावक से भोजन पचे,पावक तन आधार।। पावक तन आधार,रहे जन जन
*भाग-1* *महा प्रलय के उपक्रम में उकेरे गए भाव- चित्र*।
युगान्त क्षणान्त नियामक हे, हे कृपा सिंधु सृष्टि
तर्ज- हरे बांस मंडप छाये—- गीत
मिलन आस मन में छाये। वन गीत मधुर मुरली गाये।। जब मोहन की
भुजंगी छंद
विधान~ [यगण यगण यगण+लघु गुरु] ( 122 122 122 12 11 वर्ण, 4 चरण [दो-दो चरण समतुकांत]
नील छंद
विधान~[(भगण×5)+गुरु ] 211 211 211 211 211 2 16वर्ण,यति ,4 चरण दो-दो चरण समतुकांत।
हे मन
ग़ज़ल
बह्र- (221 2121 1221 212) काफ़िया- आ स्वर रदीफ़-चला विषय-गुब्बारा वाला
गुब्बारे बेचने के लिए मौज से चला।
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण का स्वच्छ होना व दूषित होना दौनों ही मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं यदि
ताटंक छन्द
हिन्द देश की वीर शेरनी, रण में हार न मानी थी। छक्के छुड़ा दिये दुश्मन के, झाँसी
बरवै छंद
शिल्प~[सम पदों में12 मात्राएँ विषम पदों में 7 मात्राएँ]
सुँदर सोलह श्रृंगार,कर प्रिय प्रीत। चुनरी सतरँगी धार,भर
ताटंक छन्द
हाँ सच मुच शरद पूर्णिमा है, अमृत वर्षा होती है। सोलह कला शशी पर सोहें, श्री हरि
ताटंक छन्द
कारोवार अबैध सुहाते, सलिला सुरा रसाती है। गाँजो देखो खूब विकाते, लक्ष्मी जेब समाती है।। वेरुजगारी बड़ी
लावड़ी छंद
मन्द मन्द वहतीं हैं यमुना, कल कल कल कल करतीं हैं। रवी किरण सरिता में पड़तीं, तारा
मीडिया अफसर और जनता
आल्हा वीर छंद
बीच बजरिया गांजो बेंचें, अंधे अफसर नहीं लखाय। सरिता सुरा सबल है
(मदिरा और हमारा देश) ताटंक छंद
मधु सम मीठी मदिरा मानी, खुद सरकार विकाती है। कुछ लीगल है कुछ
गाय की दीन दशा
ताटंक छंद
गाय हमारी माता भैया, सबकी जानी मानी है। मारीं मारीं गइयाँ फिरतीं, मानव
ताटंक छंद
हिन्द देश की प्यारी हिन्दी, सारे जग में छाई है। भाषा दूजी हिन्दी जैसी, और कहीं ना
ताटंक छंद
छाई चहुँ दिश भ्रष्टाचारी , सबकी जानी मानी है। भ्रष्टाचार दूर जो करते, देखो क्या मन ठानी
ताटंक छंद
(16-14 यति चरणान्त तीन गुरुओं से)
दीपक ज्ञान जलाने बाले, तुम सच्चे धन वाले हो। अज्ञान मेघ
नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी के मोस्ट पॉपुलर कॉमेडी शो ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ के लीड एक्टर राजेश कुमार कोरोना वायरस संक्रमण
Read Moreनई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान की तरह ही उनकी बेटी सुहाना खान भी काफी पॉपुलर हैं। सुहाना ने भले
Read Moreनई दिल्ली, जेएनएन। सुशांत सिंह राजपूत मामले की मुख्यारोपी रिया चक्रवर्ती ने एक चैनल को दिये अपने इंटरव्यू में सुशांत के
Read Moreनई दिल्ली, जेएनएन। कंगना रनोट की अपकमिंग फिल्म ‘तेजस’ की शूटिंग कब से शुरू होगी इस बात की घोषणा कर दी
Read Moreनई दिल्ली, जेएनएन। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हर दिन एक नई कहानी निकलकर सामने आ रही है।
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