मनोरंजन

🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹 एक रंग है लाल लहू का, मजहब कितने सारे

🌹माँ शारदे को नमन* 🌹

दिनांक 11/03/2021
दिन – गुरुवार
विषय – *मालिक*

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एक रंग है लाल लहू का,
मजहब कितने सारे ।
मालिक सब का एक, हमने ही,
किए हैं ये बटवारे ।।

मेरा-तेरा अपना-पराया
इस दुनिया में सीखा ।
हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई,
सब है एक सरीखा ।।

जब भी खुदा की बातें होती,
ऊपर ही करें इशारे ।।
मालिक सबका एक, हमने ही
किए हैं ये बटवारें ।।
🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹

✒️*राजकुमार छापड़िया*
मुंबई, महाराष्ट्र 🙏🙏

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