दीपक क्रांति को मिला बेस्ट टीचर का नेशनल अवॉर्ड
दीपक क्रांति को मिला बेस्ट टीचर का नेशनल अवॉर्ड
झारखंड के अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि लेखक व्यंग्यकार गायक व कलाकार शिक्षक दीपक क्रांति को बेस्ट टीचर का नेशनल अवॉर्ड मिला है.।दीपक को यह सम्मान शिक्षा और साहित्य में उनके अतुल्य निरंतर योगदान के लिए मिला है।यह सम्मान विद्वानों और प्रसिद्ध लोगों को उचित सम्मान और देश हित में कार्य करने वाली प्रसिद्ध संस्था इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्कॉलर्स बैंगलोर कर्नाटक की ओर से दिया गया है। विदित हो कि इससे पूर्व भी दीपक को दो – दो दलित साहित्य अकादेमी पुरस्कार,राष्ट्रपति पुरस्कार ,राष्ट्रीय युवा रत्न सम्मान और देश विदेश से 300 से अधिक कई सम्मान मिल चुके हैं।झारखंड के हार्डकोर नक्सल प्रभावित लातेहार जिले के लुकुईया बोदा जंगलों में अपना बचपन गुजारने वाले दीपक की प्रतिभा उसी समय से लोगों ने जान लिया था जब सातवीं कक्षा में फेल होने के बाद अगले साल पूरे विद्यालय में टॉपर बन के उन्होंने दिखाया था।इसके अलावा बचपन से ही उन्हें कविता लिखने और पढ़ाने का जुनून रहा है।अपनी पढ़ाई उन्होंने कोचिंग पढ़ा के किया ,जिसमें गरीब बच्चों को वे निःशुल्क पढ़ाते थे,और आज उनके पढ़ाए सैकड़ों बच्चे सरकारी व अन्य संस्थानों में कार्यरत हैं..उन्होंने 4 विषयों के साथ मास्टर डिग्री , हिंदी व संस्कृत अलग अलग शिक्षण विषयों के साथ दो बी एड डिग्री ,मास कॉम में मास्टर डिग्री,2 नेट,4 बार सीटेट , एम फिल समेत पढ़ाई का एक नया रिकॉर्ड अपनी मेहनत से कायम किया,आज भी देश में सबसे शिक्षित बनने के लक्ष्य के साथ आगे पी एच डी हेतु पढ़ रहे हैं..साथ ही परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार में हिंदी – संस्कृत शिक्षक सह राजभाषा प्रभारी के रूप में तमिलनाडू में कार्यरत हैं।उनकी पढ़ाने की शैली बिल्कुल भिन्न है,जिसमें वह अपने विषय को तल्लीन होकर नाटकीय भाव से,कभी अलग अलग फिल्मी सितारों और गायकों की मिमिक्री कर के,तो कभी पूरे पाठ को कविता में ढाल के पढ़ाते हैं,जिनसे बच्चे उनके प्रशंसक हो जाते हैं और बेहद रुचि के साथ पढ़ते हैं।पढ़ाई को बोझिल न बनाकर साहित्य संगीत और कला के साथ अद्भुत ढंग से प्रस्तुतीकरण के कारण व कई शैक्षणिक उपलब्धियों के आधार पर उन्हें यह नेशनल अवॉर्ड मिला,जिसने देश से लगभग 45 प्रोफेसर और शिक्षक शामिल हैं,और हिंदी – संस्कृत विषय में सिर्फ दीपक क्रांति उर्फ दीपक कुमार चौधरी शामिल हैं। दीपक क्रांति साहित्यिक शैक्षणिक संस्था बदलाव मंच( रजी) के ग्लोबल फाउंडर भी हैं,जिसके द्वारा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक शैक्षणिक गतिविधियां चलाते हैं और झारखंड में गरीब बच्चों के लिए भाई रूपक क्रांति के सहयोग से निःशुल्क विद्यालय बदलाव शिक्षा संस्थान भी संचालित कर रहे हैं,जिसे पूरे देश में गरीब बच्चों के लिए संचालित करने पर आगे कार्य कर रहे हैं । साथ ही हर विषय की शिक्षा को जीवन और साहित्य संगीत से जोड़कर पढ़ाने और ‘ शिक्षा साहित्य – संगीत के साथ ‘ की विधि हर जगह वाह प्रसारित करना चाहते हैं,ताकि मनोवैज्ञानिक रूप से भी विद्यार्थी पढ़ाई से प्यार करना सीखें,बोझिल न समझें।अभी तक लगभग 12 सरकारी व गैर सरकारी स्कूल कॉलेजों में अल्पकाल के लिए अध्यापन कर चुके शिक्षा के अनुभवी दीपक क्रांति की इस अद्भुत उपलब्धि पर उनके नाना नानी, माँ, भाई रूपक क्रांति ,बदलाव मंच महिला अध्यक्ष रूपा व्यास,रूपेश कुमार,शैलेन्द्र पायासी,चन्द्र प्रकाश गुप्त,भास्कर सिंह माणिक,सुनील दत्त मिश्रा,गीता पांडेय,जीत पांडेय,वैज्ञानिक अधिकारी गौतम आनंद,गायक विपिन कुमार,समाजसेवी पी सी कटारिया,विनीत कुमार, मित्र राहुल गुप्ता,मुबारक आलम, निशांत गुप्ता,शिक्षक महेंद्र प्रजापति,इम्तियाज़ आलम, अजय पांडेय,गौरांग महाप्रभु,सुल्तान अंसारी,बासुकीनाथ, एस रघु ,प्रिंसिपल विकास कांबले, उप प्रधानाचार्या स्वर्णा रानी, एस अनिल कुमार माया देवी, वरलक्ष्मी,मोहन राज,संजीत,अखिलेश समेत अनेक शिक्षकों और उनके विद्यार्थियों ने हर्ष व्यक्त किया है ।बदलाव मंच की नंदिता रवि चौहान, एल एस तोमर ,नैंसी गुप्ता,प्रकाश मधुबनी,डॉ रेखा मंडलोई,मलकाप्पा महेश, डॉ सत्यम भास्कर, सबीना नाग,मनीष वर्मा, अर्चना फौजदार, रीमा सिंह,ओम श्रीवास्तव आदि सभी ने बधाइयाँ दी हैं ।