साहब लेव बिचार,कहाँ ऐ बिकत तमंचा।।
कुंडलिया
विषय-तमंचा
हिन्द तमंचा बिक रहे,भारी है भरमार।
धार तमंचा जन फिरें,भारी हैं करमार।।
भारी हैं करमार,काज सब कारे करते।
पुलिस कराती कैद,जेल में इनको भरते।।
प्रभुपग लेव सिहार,कहाँ पर रचत तमंचा।
साहब लेव बिचार,कहाँ ऐ बिकत तमंचा।।
प्रभु पग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश