महाकुंभ में मची भगदड़, 17 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

महाकुंभ में मची भगदड़, 17 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

प्रयागराज। संगम नगरी मंगलवार की रात अमंगल साबित हुई जब महाकुंभ मेले में भगदड़ मच गई। भीड़ के दबाव और अव्यवस्थित व्यवस्था के कारण हुए इस हादसे में 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

कैसे हुआ हादसा?

मंगलवार रात करीब 3 बजे मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। अचानक किसी अफवाह के कारण श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। प्रशासन के प्रयासों के बावजूद लोग एक-दूसरे को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे। इस अफरा-तफरी में कई लोग गिर गए और दबकर घायल हो गए।

अधिकारियों का बयान

महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि भगदड़ अफवाह के चलते हुई। उन्होंने पुष्टि की कि इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज नजदीकी अस्पतालों में किया जा रहा है।

घटनास्थल पर बचाव कार्य

हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया, जबकि संगम तट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस और प्रशासन श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायलों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

अमृत स्नान पर रोक

हादसे के बाद प्रशासन ने अखाड़ा परिषद के प्रमुखों से अपील की कि अमृत स्नान को स्थगित किया जाए, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इस घटना के बाद श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल है, लेकिन प्रशासन स्थिति को सामान्य करने में जुटा हुआ है।

महाकुंभ की सुरक्षा पर सवाल

इस हादसे ने महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की तमाम तैयारियों के बावजूद ऐसी घटना होना चिंता का विषय है। अब देखना होगा कि भविष्य में सरकार और प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

 

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