सुँदर सोलह श्रृंगार,कर प्रिय प्रीत। चुनरी सतरँगी धार,भर हिय प्रीत।।

🥀बरवै छंद🥀 शिल्प~[सम पदों में12 मात्राएँ विषम पदों में 7 मात्राएँ] 🌸🌿🌸🌿🌸🌿🌸🌿🌸 सुँदर सोलह श्रृंगार,कर प्रिय प्रीत। चुनरी सतरँगी धार,भर

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पोल खोलती निरख मीडिया, जारी वैरा दारी है।

🥀ताटंक छन्द🥀 🌸🥀🌸🥀🌸🥀 कारोवार अबैध सुहाते, सलिला सुरा रसाती है। गाँजो देखो खूब विकाते, लक्ष्मी जेब समाती है।। वेरुजगारी बड़ी

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