भाव माधुरी
भाव माधुरी ______[ मुंडमाल उर में धरे, उमानाथ भगवान | चंद्रमौलि का जाप है, नाथ वही गुणवान || वास करें
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Read moreमनहरण घनाछरी छंद। 8,8,8,7 पदांत-212 सृजन शब्द-शिवरात्रि निराकार निर्विकार, शीश इंदु गंगा धार, बोलो भोले जयकार, कृपा तो दिखाइए। अर्ध्नारीश्वर
Read moreपाँच सोरठा ——————– सृजन शब्द-शब्द ———————— 1- शब्द-शब्द का सार, आप लोग भी जानिए। छन्द-छन्द का तार, राग मध्य में
Read moreप्रीत पदावली —- 28/02/2022 —— मेरे पिया —– मोहे पिया मिले अनुरागी । सोते गुजर रहा था जीवन , अब
Read moreप्रीत पदावली —- 27/02/2022 —— बोलियाँ —– जलतरंग सी लगे बोलियाँ । आह्लादन करती दिव्य क्रियाएँ , सहेलियों की मति
Read moreरामा हे रामा हे मेरे रामा कलयुग में एकबार आओ न रामा। त्रेता में जैसे तुम आये रामा कलयुग में
Read moreभगवान छन्द (स्वरचित) (भ-भूमि+ग-गगन+व-वायु+आ-आग+न-नीर) सूत्र- य+म+स+र+त=5 गण=पाँच तत्व मगण-(222)-शुभ गण-देवता-पृथ्वी-फल-लक्ष्मी यगण-(122)शुभ गण-देवता-जल-फल-आयु रगण-(212)अशुभ गण-देवता-अग्नि-फल-दाह तगण-(221)अशुभ गण-देवता-आकाश-फल-शून्य सगण-(112)अशुभ गण-देवता-वायु-फल-विदेश मापनी- 122
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