*प्रबुद्धा छंद*
*प्रबुद्धा छंद* 🌺🌺🌺🌺🌺 रंगरेज सरकार, रंग मुझे निज रंगमें। भूलूॅं सुध बुध आज , बसो श्याम हर अंग में। बसो
Read more*प्रबुद्धा छंद* 🌺🌺🌺🌺🌺 रंगरेज सरकार, रंग मुझे निज रंगमें। भूलूॅं सुध बुध आज , बसो श्याम हर अंग में। बसो
Read moreसिंहावलोकन दोहा मुक्तक —————————- 1- भजन राम का कर रहे, होकर प्रभुपग मौन। मौन खड़े जो देखते, उनकी मेधा पौन।।
Read moreअमृत ध्वनि छंद —————————- #महोबा ————————– 1- पावक भ्रष्टाचार की, करे हिन्द को नष्ट। निष्क्रिय चौकीदार से, नहीं चोर को
Read moreकुंडलिया (सिंहावलोकन) ————————- सावन वर्षे प्रेम का, नाचे मन का मोर। मोर नाचता देख के, करती कोयल शोर।। करती कोयल
Read moreडमरू घनाक्षरी —————————————————– विधान-32 वर्णों के चार समतुकांत चरण, 16, 16 पर यति अनिवार्य, 8, 8, 8, 8 पर यति
Read more*महाभुजंगप्रयात सबैया* 122-122-122-122, 122-122-122-122 🌺🌺🌺🌺🌺🌺 चलें आज कान्हा सहारे तुम्हारे , बनी हूॅं पुजारी सुनो श्याम मेरे। सदा श्याम श्यामा
Read moreबह्र ——————————- 221 2121 1, 221 212 ——————————- तरु पे लगे मधुर फल, कटु शूल पा रहे।। गुजरे हुए मधुर
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