रंगीन आशियाने
रंगीन आशियाने तेरे साथ पूरे हो रहे मेरे सपने, सब कुछ पूरे लगते तुमसे मिलके, इक अनजान से दिल लगाकर
Read moreरंगीन आशियाने तेरे साथ पूरे हो रहे मेरे सपने, सब कुछ पूरे लगते तुमसे मिलके, इक अनजान से दिल लगाकर
Read moreस्वर्णिम दर्पण पत्रिका में मेरा सहयोग करने के लिए मेरा आपको कोटि – कोटि प्रणाम – दोस्तो कृपया अपनी रचनाएं
Read moreगीत/विवेक दीक्षित *स्वांस-मन-चेतना,प्राण-तन-आत्मा!* *सब तुम्हारे लिए,बस तुम्हारे लिए!* *यज्ञ-तप-साधना, पुण्य-फल-कामना,* *सब तुम्हारे लिए, बस तुम्हारे लिए!* मैंने जिसको गढ़ा था,
Read moreशिर्षक: चालीस ग्राम का चातक चालीस ग्राम का चातक, बस तरइ ही ताकत, आग भुझे ना मिटती पीड़ा, नभ ताकत
Read moreप्रेम क्या हैं…….? किसी बूढ़ी गोपी का कृष्णा हीं प्रेम हैं, भूखे पंक्षीयों का दाना हीं प्रेम हैं, माँ की
Read moreमजबूर हूँ प्रिये तुम कुसुम लता सी मैं पर्वत जैसा तुम लदी चढ़ी सी मुझ पर मैं भावहीन पत्थर सा
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