क्या कहें
*क्या कहें* मोहब्बत में हुआ,जो हाल जान लीजिए,क्या कहें। रुसवाईयाँ और,तन्हाईयाँ जान लीजिए,क्या कहें।। मैं था अकेला,अब संग चली परछाईयाँ,क्या
Read more*मनहरण घनाक्षरी छंद* देश हित दिए जान उनका हि बढ़ा मान शीश रणबांकुरे की शान में झुकाइए । भारत माँ
Read moreगीत (16/12) क्षितिज पटल को अपलक आकुल, निरखें नैन चितेरे। मत जाओ हे! तरणि तमोहर, अंचल अवनि अँधेरे।। तुम से
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