मछुआरों को ऋण
मछुआरों को ऋण वर्ष 2018-19 में, भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा मछुआरों और मत्स्य किसानों तक विस्तारित की ताकि उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके । इस योजना के तहत, किसानों को 7% की रियायती ब्याज दर पर 2.00 लाख रुपए तक केसीसी ऋण (मछुआरों और मत्स्य किसानों) मिलता हैं। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, भारत सरकार द्वारा वित्तीय संस्थानों को 1.5% की अग्रिम ब्याज सब्सिडी (आईएस) प्रदान की जाती है और इसके अतिरिक्त, जो किसान समय पर अपने ऋण चुकाते हैं, उन्हें 3% प्रॉम्ट रीपेमेंट इंसेंटिव (पीआरआई) मिलता है, जिससे ब्याज दर घटकर 4% प्रति वर्ष हो जाती है। इसके अलावा, मात्स्यिकी के संदर्भ में केसीसी के लिए कोलैटरल फ्री लोन लिमिट भी 01.01.2025 से 1.60 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.00 लाख रुपए कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बजट 2025-26 में, भारत सरकार ने संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत मछुआरों, किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं और अन्य मात्स्यिकी हितधारकों के लिए ऋण सुलभता बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण सीमा को 5 लाख रुपए तक बढ़ा दिया है। अब तक, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मछुआरों और मत्स्य पालकों को 2982.58 करोड़ रुपए की ऋण राशि के साथ
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