गीता-सार
गीता-सार ———— (1) कर्तापन का भाव ही, कहलाता अभिमान। तथ्य यही समझा रहे, अर्जुन को भगवान।। (2) आसक्ति तज कर्म
Read moreभगवान छन्द (स्वरचित) (भ-भूमि+ग-गगन+व-वायु+आ-आग+न-नीर) सूत्र- य+म+स+र+त=5 गण=पाँच तत्व मगण-(222)-शुभ गण-देवता-पृथ्वी-फल-लक्ष्मी यगण-(122)शुभ गण-देवता-जल-फल-आयु रगण-(212)अशुभ गण-देवता-अग्नि-फल-दाह तगण-(221)अशुभ गण-देवता-आकाश-फल-शून्य सगण-(112)अशुभ गण-देवता-वायु-फल-विदेश मापनी- 122
Read moreप्रीत पदावली —- 25/02/2022 —— प्रिय कंत —– शकुंतला का दुष्यंत बनाया । मन विक्षिप्त पाषाण हृदय को , स्वर्ण
Read moreमहा-गुरु छन्द ——————————- (विधान स्वरचित) ——————————- विधान- धनु राशि वर्ण से शुरू एवं अंत मीन राशि वर्ण पर चारों चरणों
Read moreमंदारमाला सवैया। तगण+7-2 सृजन शब्द-सम्मान दो। 221-221-221-2 21-221-221-221-2 सम्मान दो ज्ञान दो मान लो, आज की बात को ध्यान दो।
Read moreसुन्दरी सवैया ———————– 11+211*7 + 22 ———————- 11 211 211 211 211, 211 211 211 22 ——————————- 1- मनभावन हे
Read moreछप्पय छन्द ——————– शीर्षक-मुरली ——————— 1- मुरली खोई आज, श्याम जी ढूँढ़ रहे हैं। चिन्ता में हैं श्याम, नीर से
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