तन में रंग समाए, मन में रंग सजाए
गीत
शुभ होली×4 स+भ+त,+य+स+गुरु (1122 1122, 11 22 1122)
तन में रंग समाए, मन में रंग सजाए। रण में
गीत
शुभ होली×4 स+भ+त,+य+स+गुरु (1122 1122, 11 22 1122)
तन में रंग समाए, मन में रंग सजाए। रण में
हरि गीतिका छंद
112 12 112 12, 112 12 112 12 विषय-होलिका दहन 1- जलने लगी लख होलिका, प्रहलाद जी
सार छंद
सृजन-होली 1- होली आई प्यारी प्यारी, ले लो कर पिचकारी। छाई छटा बसंती देखो, आए हैं मनहारी।। बरस
सत्य लघुकथा
शीर्षक- शराब एक श्राप #राठ हमीरपुर हिंदुस्तान के उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद के राठ क्षेत्र में धनौरी
शक्ति छंद 122 122 122 12 18 मात्रा नेह निमंत्रण सजाओ हमारे घरों को प्रभो, उजाले बिखेरो पधारों प्रभो, लुटा
Read moreमनहरण घनाक्षरी
विषय- (प्रार्थना माँ की) 1- स्वर में समाने वालीं,सुख बरसाने वालीं, उर हरसाने वाली,हंस पै बिराजतीं। तन में
तर्ज- दिल है हमारा जो आहें न भरता- विषय-बिना वीर्य के पुत्र कीर्तन गीत
जग में गजब हैं विधि
चन्द्रावर्त्ता छन्द
विधान- [नगण नगण नगण नगण सगण] (111 111 111 111 112) 4 चरण,दो-दो चरण समतुकांत।
1- प्रभु