मनोरंजन
पाती हिलती नीम की, मन्द पवन के वेग।
कुंडलिया ————————– पाती हिलती नीम की, मन्द पवन के वेग। रिम झिम मेघा प्रेम के, बादल जैसें तेग।। बादल जैसें
Read moreजैसे पिघल गया हो लावा
शीर्षक-जैसे पिघल गया हो लावा असीमित है तू, मैं तेरी सीमित परिधि। तुझ में निहित मेरा प्रेम, तेरे प्रीत में
Read moreगोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव का काव्य पाठ संपन्न ,नेत्रदान को संकल्पित, देहदान की दृढ़ इच्छा*
*वर्ल्ड रिकॉर्ड कवि सम्मेलन गोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव का काव्य पाठ संपन्न ,नेत्रदान को संकल्पित, देहदान की दृढ़ इच्छा* ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
Read moreजिंदगी के पीछे भागता मुसाफिर
जिंदगी के पीछे भागता मुसाफिर शहर भाग रहा था,जिंदगियां भाग रही थी। कुछ ज़रूरतों के पीछे भाग रहे थे। तो
Read moreमेघ कब छाएँ नभ में आन। श्याम कब गाएँ सुख के गान।।
श्रृंगार छंद 16 मात्रा मापनी मुक्त मात्रिक आदि त्रिकल+द्विकल अंत 21 ————————————— 1- मेघ कब छाएँ नभ में आन। श्याम
Read moreमेरे ख्वाबों में
बिषय-: मेरे ख्वाबों में। रोज रोज मेरे ख्वाबों में आकर मुझे सताया न करो। दिखा कर झलक अपनी तड़फाया न
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