आधार छंद- वाचिक स्रग्विणी पर आधारित बह्र
आधार छंद- वाचिक स्रग्विणी पर आधारित बह्र मापनी- 212 212 212 212 ———————————— ज्ञान के दीप की रोशनी चाहिए। शब्द
Read moreआधार छंद- वाचिक स्रग्विणी पर आधारित बह्र मापनी- 212 212 212 212 ———————————— ज्ञान के दीप की रोशनी चाहिए। शब्द
Read moreमानव मूल्य ********** बहुत अफसोस होता है मानव मूल्यों का क्षरण लगातार हो रहा । मानव अपना मूल्य स्वयं खोता
Read moreआज युद्ध की आहूती में बारी मेघनाद की आई थी मारूँगा या मर जाऊँगा सौगंध पिता की खाई थी हाहाकार
Read moreविषय-जिंदगी से दोस्ती अभी जिंदगी से दोस्ती कर लिजिए । भूला सारे आप गमों फिर दिजिए ।। खुशी दूसरों को
Read more*प्रेमचंद की कथाओं के एक – एक पात्र कालजयी- दीपक क्रांति* बदलाव मंच द्वारा मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में हुआ
Read moreमत्तगयंद सवैया ———————- भगण ×7+2गुरु, 12-11 वर्ण पर यति चार चरण समतुकान्त। ————————– 211 211 211 211 211 211 211
Read moreऐसे ही एक शांत शाम में मोबाइल की गैलरी में तस्वीर देख रही थी… अचानक एक तस्वीर पर उंगली रुक
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