सुँदर सोलह श्रृंगार,कर प्रिय प्रीत। चुनरी सतरँगी धार,भर हिय प्रीत।।
🥀बरवै छंद🥀
शिल्प~[सम पदों में12 मात्राएँ विषम
पदों में 7 मात्राएँ]
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सुँदर सोलह श्रृंगार,कर प्रिय प्रीत।
चुनरी सतरँगी धार,भर हिय प्रीत।।
करवा चौथ लख चाँद,लख जग रीत।
मामा कहते लालन,गा सुख गीत।।
सुँदर सोलह–
लोनन आँजो कजरा ,भर सिर माँग।
करवा चंदा देख,कर शुभ मांग।।
मीना पहने मनहर,कर शुभ अंग।
होगी इच्छा पूर्ण,फल लख दंग।।
सुँदर सोलह–
पायल प्यारीं पहनी,छम छम होत।
माथे हीरा वेंदी,चम चम सोत।।
चूड़ीं खनकत हाथन, खन खन कात।
सती की शक्ती भारी, जाहिर बात।।
सुँदर सोलह–
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🥀प्रभु पग धूल🥀
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश