*महाभुजंगप्रयात सबैया*
*महाभुजंगप्रयात सबैया*
122-122-122-122,
122-122-122-122
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
चलें आज कान्हा सहारे तुम्हारे ,
बनी हूॅं पुजारी सुनो श्याम मेरे।
सदा श्याम श्यामा पुकारा तुम्हें है,
सभी कष्ट देखो मुझे आज घेरे।
सुधी भूल बैठी सुनी तान तेरी,
चले आ रहे हैं सभी द्वार तेरे।
अज्ञानी बड़ी हूॅं बनी आज तेरी,
मिटा दो सभी आज कर्मों के फेरे।।
मिले आज कान्हा कृपा आपकी हो,
अरे भूल जाना खता जो हमारी।
बड़ी मुश्किलों मे बिताई घड़ी है,
दया दृष्टि हो आज बाॅंके बिहारी।।
बुलाया तुझे द्रोपदी ने सभा में,
नहीं देर की आ बचाया मुरारी।
रखी लाज नारी बनी वो सुलेखा,
बचाई गयी है सभा बीच नारी।।
स्वरचित मौलिक सृजन सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन मध्यप्रदेश ✍🏻