मेघालय में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए मध्यावधि समीक्षा बैठक आयोजित की गई

मेघालय में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए मध्यावधि समीक्षा बैठक आयोजित की गई

मेघालय में जल जीवन मिशन की योजना और कार्यान्वयन पर एक मध्यावधि समीक्षा बैठक आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के अधिकारियों ने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की प्रगति को सामने रखा।

मेघालय में लगभग 5.89 लाख ग्रामीण घर हैं और राज्य की योजना 2020-21 तक इनमें से 2.04 लाख घरों को नल कनेक्शन प्रदान करने की है। मध्यावधि समीक्षा में इस बात को दर्ज किया गया कि मेघालय 2020-21 में 100 प्रतिशत नल कनेक्शन के साथ अपने 1,636 गावों को कवर करने की योजना बना रहा है। अभी तक 112 गांवो को इसके दायरे में लाया जा चुका है। इसके अलावा आकांक्षी जिलों और सांसद आदर्श ग्राम योजना के गांवों पर भी बहुत अधिक जोर दिया गया है।

राज्य को सलाह दी गई है कि गांवों के स्तर पर ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार कर प्रत्येक गांव पर खास तौर से ध्यान दिया जाए। वीएपी में कई घटक जैसे; पेयजल स्रोतों को मजबूत करने, जल आपूर्ति संबंधी बुनियादी ढांचे, धूसर जल प्रबंधन और संचालन के साथ रख-रखाव को शामिल किया जाना चाहिए। पीने के पानी की आपूर्ति की प्रणालियों की दीर्घावधि सतत स्थिरता के लिए मौजूदा पेयजल स्रोतों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।     राज्य को गांवों के स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों जैसे; मनरेगा, जल जीवन मिशन, एसबीएम (जी), ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग (एफसी) का अनुदान, जिला खनिज विकास कोष, कैम्पा, स्थानीय क्षेत्र विकास कोष आदि के सम्मिलन और कोष के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए इन सभी संसाधनों को सुनिश्चित करके एक ग्राम कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा राज्य को सामुदायिक लामबंदी के लिए प्रभावी आईईसी अभियान शुरू करने के लिए कहा गया है।

जल जीवन मिशन के तहत 2020-21 में मेघालय को 114.09 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें से राज्य को 28.52 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसके अलावा 2020-21 में 15वें वित्त आयोग से 182 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है और इस रकम का 50 प्रतिशत जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए इस्तेमाल किया जाना अनिवार्य है।

जल जीवन मिशन के तहत अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ स्थानीय समुदाय को शामिल करने के माध्यम से जल की गुणवत्ता निगरानी को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रत्येक गांव में पांच व्यक्तियों, विशेष तौर पर महिलाओं को जल की गुणवत्ता जांचने के लिए फील्ड टेस्ट किट के इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रत्येक स्रोतों की साल में एक बार भौतिक और रासायनिक मापदण्डों और दो बार जीवाणुतत्व संबंधी संदूषण के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। राज्य को सलाह दी गई है कि इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के साथ अगले 3-4 महीनों में राज्य और जिला प्रयोगशालाओं की एनएबीएल मान्यता को पूरा कर लिया जाए। साथ ही, इन्हें जनता के लिए खोल दिया जाए, जिससे वे बहुत मामूली दर पर आपूर्ति किए गए पानी की गुणवत्ता का परीक्षण कर सकें।

राज्य से आग्रह किया गया है कि 2 अक्टूबर, 2020 को शुरू किए गए 100 दिनों के विशेष अभियान के तहत सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में नलयुक्त जल आपूर्ति की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे कि इन संस्थानों में पीने, हाथ धोने और शौचालय में इस्तेमाल के लिए जल उपलब्ध हो सके।

जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसके तहत 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से ग्रामीण घरों तक पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना है। इस मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाकर ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है।

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