सत्ता
प्रीत पदावली —-
26/02/2022
—— सत्ता —–
एक तुम्हीं प्रभु व्यापक सत्ता ।
परम प्रकाशक स्वर्गीय विधा
हे दिव्य अधिष्ठापक सत्ता ।।
पंथ प्रदर्शन जीव सहारा ,
तमहर नव अध्यापक सत्ता ।
आवेदक प्रतिवादी प्रकरण
अभिमंचित संलापक सत्ता ।।
तीक्ष्ण नयन अद्भुत अदृश्य हैं
अणुवादी परिमापक सत्ता ।
हो व्यापक महा व्यवस्था भी ,
आदि अंत प्रस्थापक सत्ता ।।
गणाधीश तत्काल भूत क्षण ,
भवभंजक अभिज्ञापक सत्ता ।
छंद फंद कलि कंद मूल सब ,
उर्मि उष्ण परितापक सत्ता ।।
सत्य जगद्गुरु हे जगदीश्वर ,
पंचभूत की प्रापक सत्ता ।
नमन नित्य ननकी नवपथ है ,
जन्म -मृत्यु गति स्वापक सत्ता ।।
—- रामनाथ साहू ” ननकी ”
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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