पवन छंद
पवन छंद
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शिल्प~
[भगण तगण नगण सगण]
(211 221 111 112)
12 वर्ण प्रति चरण,यति{5,7}
4 चरण, 2-2 चरण समतुकांत।
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विषय-दीपक
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1-
दीपक शिक्षा जग मग जगता।
रोशन देखो तन-मन करता।।
ज्ञान उजाला यह उर भरता।
घोर अँधेरा हर-पल हरता।।
2-
दीपक शिक्षा गुण कर लगता।
भाग्य सितारा चम-चम करता।।
जीवन में भी यह सुख भरता।
जीवन के संकट सब हरता।।
3-
दीपक शिक्षा गुरु दर मिलता।
पंकज जैसा गुरु गुण खिलता।।
ईश्वर का आसन लख हिलता।
कष्ट हमारा तत्क्षण टलता।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश