नव वर्ष का आगाज साहित्य का साज

*नव वर्ष का आगाज साहित्य का साज*

मनसंगी साहित्य संगम पर दिनाँक 30 दिसम्बर 2021 को नए वर्ष के उपलक्ष्य में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन गूगल मीट एप्प पर किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ के जाने-माने फ़िल्म अभिनेता एवं लेखक आदरणीय सुनील दत्त मिश्रा जी ने मुख्य अतिथि के रूप में तथा छंद गुरु आदरणीया व्यंजना आनंद ‘मिथ्या’ जी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होकर साहित्यकारों का उत्साह बढ़ाया। मंच का संचालन कानपुर के युवा कवि आदरणीय चन्दन केसरवानी जी ने किया एवं कानपुर की ही युवा कवियित्री आदरणीया मोनिका बाजपेई जी ने सह संचालिका के रूप में मंच का संचालन किया। संचालन कर रहे केसरवानी जी ने नये वर्ष से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां साहित्यकारों के बीच साझा की। चम्पारण से कवियित्री आदरणीया सुरंजना पाण्डेय जी ने अपनी सुंदर वाणी से माँ शारदे के चरणों मे सुंदर से काव्यपुष्प अर्पित किया।
कार्यक्रम में मनसंगी साहित्य संगम के संस्थापक आदरणीय अमन राठौर ‘मन’ जी सारनी से एवं सह संस्थापिका आदरणीया मनीषा कौशल जी मध्यप्रेदश से उपस्थित रही। आदरणीयों ने सभी साहित्यकारों का उत्साहवर्धन किया।
मनसंगी साहित्य संगम के संयोजक आदरणीय सत्यम द्विवेदी जी जो कि कानपुर से हैं और युवा कवि हैं उनकी उपस्तिथि सराहनीय रही। राजस्थान की एक छोटी सी कक्षा 4 में पढ़ने वाली बच्ची पाखी जैन ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया एवं नए वर्ष के आगमन हेतु बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यो से साहित्यकारों ने अपनी सुंदर-सुंदर प्रस्तुति दी।
डॉ. मीरा पुष्पांजलि जी,रमेश मालचिमणे जी कर्नाटक से,ममता मनीष सिन्हा जी झारखण्ड से,शशिकिरण श्रीवास्तव जी गाजियाबाद से,डॉ. संजू त्रिपाठी जी,दीपिका रुख़माँगद ‘दीप’ जी,रविशंकर निषाद जी छत्तीसगढ़ से,अशोक शर्मा जी कुशीनगर से,प्रज्ञा आम्बरेकर जी महाराष्ट्र से,मंगल कुमार जैन जी राजस्थान से,जतिन जी, राम जी त्रिवेदी फर्रुखाबाद से,सुधीर श्रीवास्तव जी गोण्डा से,नरेन्द्र वैष्णव जी छत्तीसगढ़ से,निशा अतुल्य जी छत्तीसगढ़ से, कृष्णा जोशी जी इंदौर से,रिमी बेदी जी, योगिता गुप्ता जी रायपुर से, संगीत सिंह जी मध्यप्रदेश से,रानू मिश्रा ‘अजिर’ जी सीतापुर से आदि साहित्यकारों ने नए वर्ष के अवसर पर हुए कवि सम्मेलन में बहुत ही सुंदर प्रस्तुतियां दी। मनसंगी साहित्य संगम मंच सदा ही हिंदी साहित्य के उत्थान के लिए अग्रसर है और रहेगा।
मनसंगी साहित्य संगम साहित्यकारों का अपना परिवार।।

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