यमुनापार बना अवैध कोचिंग सेंटर्स का सुरक्षित हब
*यमुनापार बना अवैध कोचिंग सेंटर्स का सुरक्षित हब*
*नफीस खान*
—डीआईओएस प्रयागराज के नाक के नीचे का राज।
नैनी, प्रयागराज। कार्यपालिका, विधायिका व न्यायपालिका लाख जतन कर ले लेकिन भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे अधिकारियों के रहते भ्रष्टाचार खुले आम फलता-फूलता रहेगा।
उपरोक्त कथन स्वयं अवैध कोचिंग सेंटर्स के संचालकों का गोपनीयता के शर्त पर आफ कैमरा पर है।
बता दें कि वर्षों की तरह कल भी तमाम मीडिया ने प्रयागराज में अवैध कोचिंग सेंटर्स के संचालन की खबर चलाई थी जिसके सन्दर्भ में आज जब नैनी क्षेत्र का भ्रमण किया गया तो लगभग पांच दर्जन गैर मान्यता प्राप्त, मानक विहीन, अवैध व अमान्य कोचिंग सेंटर्स खुले आम संचालित मिले। इनमें किसी के भी पास न तो मान्यता है व न ही मानक।
जानकारी व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इन अवैध व मानक विहीन कोचिंग सेंटर्स में नियमित विद्यालयों से काफी अधिक भीड़ देखी जा रही है। हालात तो इतने बदतर हैं कि इन सेंटर्स पर कोविड से बचाव के कोई उपाय नही अपनाये जा रहे हैं। ऐसे ही एक अवैध कोचिंग सेंटर प्रतीक एकेडमी के संचालक कुलदीप कुमार कुशवाहा ने बताया कि उनके अरैल के हेड आफिस के साथ जहाँगीर अस्पताल के पास, खरकौनी-लोकपुर मार्ग, पीडीए कालोनी नैनी व राम बाग में कई शाखाएं भी चलती हैं लेकिन कभी मान्यता की जरूरत ही नही पड़ी। उधर डीआईओएस आफिस से सम्पर्क करने पर वहां के कर्मचारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।
फिलहाल इन अवैध व मानक विहीन कोचिंग सेंटर्स के अवैध संचालन के पीछे यक्ष प्रश्न यह भी है कि यदि इन सेंटर्स में कोई हादसा व अप्रिय घटना होती है तो उसकी जवाबदेही किसकी होगी?