ब्रह्मनाथ पाण्डेय के ई संकलन ‘शब्दोपहार’ का विमोचन सम्पन्न

*नव साहित्य परिवार भारत*
*ब्रह्मनाथ पाण्डेय के ई संकलन ‘शब्दोपहार’ का विमोचन सम्पन्न*

नव साहित्य परिवार भारत के संस्थापक एवं अध्यक्ष आ.अमित कुमार बिजनौरी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य उत्साह एवं अथक परिश्रम से संकलित “शब्दोपहार” ई काव्य पुस्तक श्रृंखला चतुर्थ संकलन का आनलाइन विमोचन 31 अक्टूबर की प्रभात बेला में प्रातः 8.00 बजे वरिष्ठ कवि, श्रेष्ठ मंच संचालक आ. प्रदीप डेजी जी(बिजनौर, उ.प्र.) के कर कमलों से उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।
संतकबीरनगर, उ.प्र. निवासी यशस्वी ,वरि.कवि ,साहित्य साधक और नव साहित्य परिवार भारत के वरिष्ठ सदस्य आ. मधुर जी को साहित्यिक संस्था ‘नव साहित्य परिवार भारत’ ने उनकी रचनाओं के ई काव्य संकलन “शब्दोपहार” का विमोचन कराकर उन्हें खूबसूरत/ शानदार /यादगार तोहफा दिया है।
पुस्तक का विमोचन करते हुए आदरणीय डेजी जी ने कहा कि खूबसूरत शब्दोपहार श्रृंखला आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी के अथक परिश्रम और चिंतन का जीता जागता उदाहरण है। श्री डेजी जी ने आ. मधुर जी को हार्दिक बधाइयाँ देते हुए उनकी लेखनी और लेखन शैली की प्रशंसा किया तथा विश्वास व्यक्त किया कि ‘शब्दोपहार’ उनकी काव्ययात्रा में पुष्प के खिलने जैसा है। उन्होंने विस्तार से पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत करते हुए लोगों से इस संकलन को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया देने का आग्रह भी किया।
.विमोचन कार्यक्रम की शुरूआत माँ वीणावादिनी की वंदना से करते हुए कहा कि मुझे विमोचन का अवसर देकर आ. अमित बिजनौरी जी और आ. सुधीर श्रीवास्तव जी ने मुझे बहुत सम्मान दिया, मैं आप दोनों के साथ नव साहित्य परिवार भारत सहित महासचिव डा.मोहित कुमार जी, तकनीकी सलाहकार आ.हंसराज सिंह हँस जी, सलाहकार आ. नरेश द्विवेदी शलभ जी, आ. दीपांजली दूबे जी, आ. प्रभा कुमारी जी, अरविंद कुमार जी आदि के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।
विमोचन के शुभ अवसर पर पुस्तक के सम्पादक तथा मंच के संस्थापक एवं अध्यक्ष आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी, संरक्षक आ. सुधीर श्रीवास्तव जी,तकनीकी सलाहकार आ. हंसराज सिंह हंस जी, महासचिव डा.मोहित कुमार जी, सलाहकार आ.नरेश द्विवेदी “शलभ” जी, आ. दीपांजलि दूबे, आ. ममता श्रवण अग्रवाल, आ. ब्रह्मनाथ पाण्डेय मधुर जी ,आ. चेतना श्रीवास्तव,आ. अभिषेक मिश्रा, आ. देविना अमर ठकराल जी, डा. रुपल श्रीवास्तव जी ,आ. कुसुम त्रिवेदी जी, आ. दिनेश विकल जी, आ. नंदिनी लहेजा, आ नागेंद्र नाथ गुप्त जी, आ. दवीना अमर ठकराल जी, आ.माधुरी निगम और उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने विश्वास व्यक्त किया कि मधुर जी अपनी लेखनी से निरन्तर नये आयाम स्थापित करते रहेंगे।
श्री मधुर जी के काव्य संकलन “शब्दोपहार” के विमोचन पर प्रसन्ना व्यक्त करते हुए अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं तथा संगठनों के पदाधिकारियों, कवियों, लेखकों, साहित्यकारों और गणमान्य लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाइयाँ और शुभकामनाएँ देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
अन्त में पुस्तक के विमोचन कर्ता आ. डेजी जी ने “नव साहित्य परिवार भारत” के संस्थापक एवं अध्यक्ष आदरणीय अमित कुमार बिजनौरी जी की मेहनत और लगन की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए संपादक मंडल का भी साधुवाद किया।साथ ही हर संभव सहयोग का.विश्वास भी दिलाते हुए बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ प्रदान करते हुए धन्यवाद दिया ।
विमोचन समारोह के अंत में अपने संकलन के प्रकाशन,विमोचन से भावुक आ. मधुर जी द्वारा नव साहित्य परिवार भारत, सं. आ.अमित बिजनौरी, संरक्षक आ. सुधीर श्रीवास्तव, विमोचनकर्ता आ. डेजी और सभी पदाधिकारियों, उपस्थिति साहित्यकारों, कवियों का आभार प्रकट कर आभार, धन्यवाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
वरि. साहित्यकार/कवि और परिवार के संरक्षक आ. सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि शब्दोपहार की लोकप्रियता नव साहित्य परिवार भारत परिवार की बढ़ती स्वीकार्यता प्रकट करती है, जिसे अनवरत ऊँचाइयों की ओर ले जाने का संयुक्त प्रयास आप सभी के साथ मिलकर निरंतर बनाए रखना ही परिवार की मुख्य प्राथमिकता है।

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