हिंदी अपनी भाषा है

—- हिंदी अपनी भाषा है —-

हम हिंद देश के वासी हैं ,
हिंदी अपनी भाषा है ।
देवनागरी शुभ गुण सुंदर ,
रस सुबोध परिभाषा है ।।

ऋषियों की ये खोज निराली ।
प्रकृति प्रदत शुचि स्वर सुख आली ।।
मोहक सभी सुरों को जोड़ा ।
अर्थ भाव रस खूब निचोड़ा ।।

ब्रह्मनाद को केन्द्र मानकर ,
रचि नयी अभिलाषा है ।
देवनागरी शुभ गुण सुंदर ,
रस सुबोध परिभाषा है ।।

शुद्ध परिष्कृत पावन प्रांजल ।
महानदी सी निश्छल निर्मल ।।
हिमगिरि सी शीतलता देती ।
मधुर कथन पीड़ा हर लेती ।।

संस्कृत जननी गौरव धात्री ,
बुद्ध कृष्ण की आशा है ।
देवनागरी शुभ गुण सुंदर ,
रस सुबोध परिभाषा है ।।

सम्मोहित करते स्वर व्यंजन ।
काव्य चिन्ह उत्प्रेरक चिंतन ।।
हो समूह देवल आह्लादित ।
ब्रह्मनाद हृद का उच्चारित ।।

जन गण मनः प्रशंसित भाषा ,
लगती रसभीन बताशा है ।
देवनागरी शुभ गुण सुंदर ,
रस सुबोध परिभाषा है ।।

—— रामनाथ साहू ” ननकी ”
छंदगुरु
बिलासा छंद महालय छत्तीसगढ़

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