चौपाई छंद पर गीत—
चौपाई छंद पर गीत—
सृजन शब्द- —
💥 *अंतर्मन*💥
अंतर्मन की ज्योत जलाना।
हे कान्हा तुम जल्दी आना।।
*
मनवा कब से तड़पे मेरा ।
जन्मों का यह कैसा फेरा ।।
जनम मरण की मेरी काया ।
रहे तुम्हारा हरदम साया ।।
आना प्यारे अब न सताना ।
हे कान्हा तुम जल्दी आना।।
💥
खोला मन जो पाया तुमको ।
दर्शन देना अब तो मुझको ।।
अंतर्मन में रूप सजाया ।
वो ही मन मंदिर को भाया ।।
बजे सदा अब यही तराना ।
हे कान्हा तुम जल्दी आना ।।
💥
महामिलन हो ऐसा करना ।
जीवन मधुर मिलन से भरना ।।
अनंत सुख को अब है पाना ।
तुममे ही तो सबकुछ कान्हा ।।
गाऊँ सदा तुम्हारा गाना ।
हे कान्हा तुम जल्दी आना ।।
***********💥**********
*व्यंजना आनंद “मिथ्या “*
बेतिया ( बिहार )