ताटंक छन्द पर आधारित शिव भक्ति गीत

ताटंक छन्द पर
आधारित शिव भक्ति गीत
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भोला से ही व्याह रचाऊँ,
सुनलो मेरी माता जी।
शंकर से ही लगन लगी है,
उनसे जोड़ूँ नाता जी।।
रिस्ता जन्म जन्म का उनसे,
और कोई मत भाता जी।
माला शिव को ही पहनाऊँ,
जो ईश्वर कहलाता जी।।
भोला से ही—–
1-
घोर तपस्या मैं कर लूँगी,
तप में प्राण गँवाऊंगी।
शीतल हिम में मैं रह लूँगी,
विजया घोंट पिलाऊंगी।।
सजनी शिव की ही कहलाऊँ,
मन मेरा इठलाता जी।
भोला से ही—
2-
नाग ज़हर भी मैं सह लूँगी,
सबको दूध पिलाऊंगी।
खुले आसमां में सो लूँगी,
नंदी वैल चराउंगी।।
सचमें शंकर को ही पाऊँ,
मन मेरा समझाता जी।
भोला से ही—-
3-
जल मछली सी जोड़ी मेरी,
करुणा भरी कहानी है।
प्रभुपग शिव की मैं दीवानी,
छाई अंग जवानी है।।
शंभु बिना जीवित मत समझो,
वो ही खेल खिलाता जी।
भोला से ही—-
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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