कटि करधनिया पग पैजनिया* *नटखट नार नवेली

विधा-गीत
अंतरा-
*कटि करधनिया पग पैजनिया*
*नटखट नार नवेली*

सुनत गुजरिया श्याम सँवरिया,
भरमत डगर अकेली।
*कटि करधनिया पग पैजनिया*
*नटखट नार नवेली*

मोह लहरिया रात अँधिरिया,
तरसत मन अभिरामा।
याद दुअरिया देखत सखियाँ,
गोकुल हरि कर धाम‍ा।
सहचर ग्वाला यसुमति लाला,
निकसत छोड़ हवेली।
*कटि करधनिया पग पैजनिया*
*नटखट नार नवेली*

बाग तड़ागा हरि बरु माँगा,
सदा चरण अनुरागा,
मोहन मन भावत गीत सुनावत,
प्रेम समर्पित धागा।
सुंदर सब करनी पावन धरनी,
बनती नई पहेली।
*कटि करधनिया पग पैजनिया*
*नटखट नार नवेली*

कष्ट निवारत देव पुकारत,
साधन लगै सुहाना।
मनहर सूरति प्रभु करि मूरति,
जियरा रहै लुभाना।
देवन हित लागी सब अनुरागी,
राधा संग सहेली।
*कटि करधनिया पग पैजनिया*
*नटखट नार नवेली*

*स्वरचित रानू मिश्रा अजिर*

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