दर्जनों महिलाओं ने एकत्र होकर आंगनवाड़ी केंद्रों में हो रही मनमानी और भ्रष्टाचार की खोली,पोल

*दर्जनों महिलाओं ने एकत्र होकर आंगनवाड़ी केंद्रों में हो रही मनमानी और भ्रष्टाचार की खोली,पोल*

नेटवर्क टाइम्स न्यूज़-
ब्यूरो रिपोर्ट/कुलपहाड़(महोबा)-जनपद महोबा के जैतपुर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम मुढारी के सभी आँगनवाड़ी केंद्रों पर कई महीनों से हो रही सरकारी राशन एवं खाद्यान्न बस्तुओ मे बंदरबाँट और भयंकर घपले की पोल आज गांव की दर्जनों गरीब महिलाओं ने गुस्से मे आकर खोल दी पोल, क्योंकि ये वह गरीब एवं गर्भवती महिलायें है जिनके ऊपर छोटे- छोटे बच्चों का भार है एवं जिनके घरों मे कल के भोजन की व्यवस्था नहीं है।जबकी आज वितरण के समय यह देखा गया कि मनमानी के आधारस्वरुप और जानने पहचानने वालों के चेहरे देख कर एवं झगडालू प्रवित्ती की महिलाओ को अधिक राशन एवं सीधी साधी और गरीब परिवार की महिलाओं को कम मात्रा मे खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा था। जिससे महिलायें उदास एवं गिड़गिड़ाती हुई नजर आ रही थी। जब खाद्यान्न वितरण की हकीकत को जानने के लिए डीपीओ से बात की गई तो उन्होंने बताया की 7 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को 1किलो चना की दाल और 1लीटर रिफाइंड आयल दिया जाता है और 3 वर्ष से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को 500 ग्राम चना की दाल का पैकेट और आधा लीटर रिफाइंड आयल का पैकेट वितरित किया जाता है और यह भी बताया की बच्चे चाहे तीन हो या चार हो सभी को खाद्यान्न दिया जाता है लेकिन आयु 6 वर्ष से अधिक ना हो लेकिन मुढारी की आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं महिला समूह मुख्य कार्यकत्रियां अपनी मनमानी पर उतारू है क्योंकि वह किसी को 500 ग्राम केवल चना का पैकेट तो किसी को मात्र रिफाइंड आयल का पैकेट किसी को दोनों बस्तुओ और अधिकतर को एक वस्तु देकर टरका देती है भले ही बच्चे तीन हो या चार हो लेकिन एक को या दो मात्र को खाद्यान्न दिया जाता और ये कहकर भगा दिया जाता की 2 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को नहीं दिया जाता ना ही ऊपर से आता है तो इस धांधली की हकीकत के बारे मे पात्र महिलाओ ने बताया की इस तरह का वितरण पहली बार नहीं बल्कि हर बार किया जाता है पात्र गर्भवती एवं ग्रामीण महिलाओ के नाम मृतक सिया पत्नी राजू रैकवार, किरन पत्नी वीरपाल अहिरवार, अनीता पत्नी जीतेन्द्र वर्मा, पूजा पत्नी बृजेन्द्र अहिरवार, कमलेश पत्नी दीपक वर्मा, देवका पत्नी सतीश रैकवार आदि सभी महिलाओ ने गांव के आंगनवाड़ी केंद्रों मे हो रही मनमानी और भ्रस्टाचार की पोल खोल दी जिसके सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी जैतपुर को अवगत कराने एवं सूचना देने के लिए फोन किया तो उनका फोन बंद था। अब सवाल उठता है कि इस प्रकार की चरमराई भ्रष्ट व्यवस्था के बीच कुपोषण जैसी गंभीर परिस्थितियों को रोका जा सकता है या यूं ही जिम्मेदार मौन रहेंगे और आंगनबाड़ी केंद्रों की मनमानी और भ्रष्टाचार चरम पर चलता रहेगा।

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