नेह छुपल बा
🏵️ नेह छुपल बा🏵️
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***मेरे मन के भाव को पक्तियों में पिरो कर मेरे भाइयों आपके समक्ष लाई हूं,अपनी बहन की तरफ से “राखी ” रक्षा बंधन की हृदय से बहुत बहुत बधाईयां मेरे भाई।🙏🌹🏵️🏵️
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राखी के धागे में नेह छुपल बा,
आवें बहना ले के प्यार दुलार हो।
सावन महीना के पूर्णमासी के,
आवेला घर में बाहर हो……
बाबा और विरना के स्नेह मिलेला,
भूल जाला सगरो दुःख विषाद हो।
राखी के धागे……………..
सरहद पर विरनन के करे ले हिफाजत,
बचन ले के सीमा पर जो जाले हों।
बनके कवचवा राखी रक्षा करे लें,
जब भईया करें निगह बानी हो।
राखी के धागे…….
बन्धन ई प्रीत के सगरो जगत बा,
गंगा जल जस पावन प्यार हो।
प्रीत के पुष्प खिले घर अंगना,
हंसी ठिठोली घर द्वार हो।
राखी के ……………..
धर्म जाति खून में बंधल बा ई नाता,
जानेला सगरो जहांन हो।
पावन बा रिश्ता पावन बा धागा,
नेह नीर से भरल एहसास हो।
राखी……..
हृदय से हमरे सदा निकले दुआ हो,
रहे भाई सुखी स्वस्थ दीर्घायु हो।
राखी त युगों युग से चलल चली आइल,
बहना के गौरव अभिमान हो।
राखी……………..
कृपा ,शेखर ,रवि से तेज मिलैला,
अंशु ,गौरव ,आकाश से प्यार हो।
ममता के ढाल बन करुणा बरसाए,
भईया महेश, गिरिजेश ,पशु पति नाथ हो।
राखी……
ममता प्रीति श्रीवास्तव 🌹🙏
(शिक्षिका) गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत