शुभ दिन पंद्रह अगस्त
शुभ दिन पंद्रह अगस्त
आया शुभ दिन पंद्रह अगस्त,
खूब मचाओ शोर।
पाने को आजादी सबने,
अथक लगाया जोर।
हँसकर फाँसी को अपनाया,
त्यागे अपने प्राण।
रखी भावना मन में अपने,
हो सबका कल्याण।।
साथी सारे थे मतवाले,
लड़ी लड़ाई जोर।
आया शुभ दिन पंद्रह अगस्त,
खूब मचा लो शोर।।
अंग्रेजों के जुल्मों से जब,
हुआ बुरा था हाल।
कूद पड़े तब आंदोलन में,
बैरी किया हलाल।
देख आक्रमण इस भारत का,
भागे गोरे चोर।
आया शुभ दिन पंद्रह अगस्त,
खूब मचा लो शोर।।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी, कानपुर नगर