ख्वाब हो गए

ख्वाब हो गए
अब तुम भी
खुशियों की मांग में
कर गए मुझे गुम सुम ही
ख्वाब हो गए
अब तुम भी
हवाएं भी दस्तक तो देती होगी ना
तु भी मेरे याद में
मंदिरों में नत मस्तक तो होते होगे ना
ख्वाब हो गए, अब तुम भी
कोई हर बार की तरह
अब तुझे कोई तंग तो करती नहीं होगी ना
कोई बार बार नोक झोंक कर
अब प्यार की थपकी तो देती होगी ना
ख्वाब हो गए, अब तुम भी
अब तो कोई तुम्हें
प्यार की जंजीरों में बाँधा तो नहीं होगा ना
शायद आज तुझे खुशियां मिली होंगी वो सारी
जो मैं ना दे पाई कभी तुझे
अब तेरे पास जाने की मेरी कोई वजह ना होगी
तेरी यादें बेवजह दिलों घर की है मेरे
ख्वाब हो गए, अब तुम भी
नज़र में रह कर, सामने नहीं आए
दुआ में शामिल होकर, मुकद्दर मे ना आए
अब क्या ही गिला शिकवा
प्यार होकर भी कभी दिलों की समंदर मे ना आए..!!
ख्वाब हो गए, अब तुम भी
आजमाइशे तो बहुत होंगी
कुछ पूरे करने की ख्वाहिशे ना होंगी
दिलों का दरिया रफ़्ता रफ़्ता बह गया
आसुओं की धार भी सतत ही रह गया

संदीप समर
मधुबनी बिहार

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