नैतिक शिक्षा अफसर भूला, करता अब मनमानी है। कलम सुरक्षित नहीं हिन्द में, सबकी जानी मानी है।।

ताटंक छन्द
(ताजा घटना
पर आधारित)
—————————–
1-
नैतिक शिक्षा अफसर भूला,
करता अब मनमानी है।
कलम सुरक्षित नहीं हिन्द में,
सबकी जानी मानी है।।
कलम लगे अब भाला जैसी,
स्याही पानी पानी है।
घात कलम पर दानव करते,
कलम देख दहलानी है।।
2-
सत्य देश में घुट घुट मरता,
गांधी वन्दर राजा हैं।
विद्या मंदिर बंद पड़े हैं,
मदिरा प्याले ताजा हैं।।
सूरज डूब रहा है सच का,
टका सेर अब खाजा हैं।
रावण राज देश में जारी,
सिर पर बजते बाजा हैं।।
3-
कैसे देश बचेगा प्रभुपग,
चहुँ दिश हा हा कारी है।
जीत रहा दुर्योधन अब तो,
अर्जुन माना हारी है।।
उठो लाल अब हिन्द देश के,
व्याकुल मात हमारी है।
नींद त्याग दो कुम्भ करण सी,
सर पर संकट भारी है।।
———————————
प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *